शिंदे सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए UPS को दी मंजूरी, केंद्र की योजना लागू करने वाला पहला राज्य बना महाराष्ट्र
मुंबई, 25 अगस्त। केंद्र सरकार की ओर से एकीकृत पेंशन योजना यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा के अगले ही दिन महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को राज्य कर्मचारियों के लिए भी इस योजना को मंजूरी दे दी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र कैबिनेट ने इस योजना को स्वीकि प्रदान की। इसके साथ ही केंद्र की योजना को राज्य कर्मचारियों के लिए लागू करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य बन गया है और राज्य में न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की जगह यूपीएस लागू होने का रास्ता साफ हो गया है।
राज्य कर्मचारियों को UPS से क्या होगा लाभ
केंद्र सरकार की ओर से शनिवार को घोषित UPS को लेकर बताया गया था कि इससे लगभग 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार ने इस योजना की घोषणा के वक्त कहा था कि राज्य सरकारें भी इसे लागू कर सकती है। UPS को सरकारी कर्मचारियों को निश्चित पेंशन और फैमिली पेंशन की गारंटी देकर बेहतर वित्तीय सुरक्षा पेश करने के लिए तैयार किया गया है। इसके अलावा, जैसे-जैसे महंगाई बढ़ेगी, वैसे ही इस योजना के तहत पेंशन में बढ़ोतरी का भी प्रावधान है।
दरअसल, केंद्र सरकार की एकीकृत पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अप्रैल 2025 से लागू की जाएगी। सरकार इस योजना के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन देगी। यह योजना कर्मचारी के मौत के बाद परिवार को भी पेंशन देगी। साथ ही इसके तहत मिनिमम एश्योर्ड पेंशन भी दी जाएगी।
कर्मचारियों और फैमिली को कितनी मिलेगी पेंशन?
UPS के तहत कर्मचारी के अंतिम 12 माह के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी हिस्सा अवकाशग्रहण के बाद प्रति माह पेंशन के रूप में आजीवन दिया जाएगा। हालांकि इसके लिए कर्मचारियों को कम से कम 25 वर्षों तक सेवा देनी होगी। समय-समय पर इस पेंशन में महंगाई राहत (DR) भी जोड़ा जाएगा।
वहीं यदि किसी कर्मचारी ने सिर्फ 10 वर्ष या उससे अधिक तक सर्विस की है तो उसे कम से कम 10 हजार रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी। फैमिली पेंशन की बात करें तो कर्मचारी के मौत के बाद फैमिली में से किसी एक योग्य सदस्य को कर्मचारी के पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा दिया जाएगा।
पेंशन के साथ यह भी मिलेगा लाभ
UPS के तहत ग्रेच्युटी के अलावा रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि भी दी जाएगी। इसका कैलकुलेशन कर्मचारियों के हर छह माह की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10वें हिस्से के तौर पर किया जाएगा। इसमें ग्रेच्युटी की राशि ओपीएस की तुलना में कम हो सकती है।