1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. बालासाहेब जिंदा होते तो… गुरु पूर्णिमा पर ठाकरे के चेलों में बवाल, निष्ठा पर सवाल
बालासाहेब जिंदा होते तो… गुरु पूर्णिमा पर ठाकरे के चेलों में बवाल, निष्ठा पर सवाल

बालासाहेब जिंदा होते तो… गुरु पूर्णिमा पर ठाकरे के चेलों में बवाल, निष्ठा पर सवाल

0
Social Share

मुंबई, 13 जुलाई। गुरु पूर्णिमा का पर्व अपने गुरु के प्रति आस्था और उनके प्रति समर्पण को दर्शाने का अवसर होता है। इस बीच शिवसेना में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर बालासाहेब ठाकरे के शिष्यों में आपसी कलह देखने को मिल रही है। कोई निष्ठा पर सवाल उठा रहा है तो किसी का कहना है कि वह ही बालासाहेब ठाकरे की विरासत को आगे ले जा रहा है।

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने आज सुबह ही बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे की तस्वीरों के साथ एक पोस्ट शेयर की थी। इसमें उन्होंने मराठी में लिखा था, ‘बालासाहेब के विचारों से कोई धोखा नहीं। यह बुझने वाली अंगार नहीं, हिन्दुत्व के सिवाय कोई विचार नहीं। गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।’

सीएम शिंदे के इस ट्वीट पर चर्चा शुरू हो गई थी कि उन्होंने हिन्दुत्व के विचार की बात कर उद्धव ठाकरे पर अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधा है। वह अकसर उद्धव ठाकरे और उनके समर्थकों पर हिन्दुत्व की विचारधारा से भटकने का आरोप लगाते रहे हैं।

संजय राउत बोले – बालासाहेब के साथ निष्ठा से रहना ही असली गुरुदक्षिणा  

एकनाथ शिंदे के इस ट्वीट पर संजय राउत ने भी अपने ही अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग शिवसेना छोड़कर कहते हैं कि बालासाहेब ठाकरे हमारे गुरु हैं।’ मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए संजय राउत ने कहा कि अगर बालासाहेब आज जिंदा होते तो ऐसे लोगों को अपने ही अंदाज में जवाब देते। बालासाहेब ठाकरे हम सभी के गुरु थे। बालासाहेब उन सभी के गुरु थे, जो शिवसेना, महाराष्ट्र और देश के प्रति वफादार हैं। राउत ने यह भी कहा कि उनके साथ निष्ठा से रहना ही असली गुरुदक्षिणा है।

इससे पहले संजय राउत ने भी बालासाहेब ठाकरे के साथ अपनी तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया था, ‘वो ही गुरु और वो ही गुरूर।’

बता दें कि शिवसेना की ओर से राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भी एक खत लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि विधायकों की अयोग्यता पर फैसला अभी सुप्रीम कोर्ट से आना बाकी है। ऐसे में अभी मंत्री परिषद का विस्तार टाल देना चाहिए। अदालत का फैसला आने के बाद ही इस पर विचार करना चाहिए।

फिलहाल राज्यपाल की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों विधानसभा अध्यक्ष को आदेश दिया था कि वह शिवसेना के दोनों गुटों के विधायकों की अयोग्यता पर फिलहाल कोई फैसला न लें।

एकनाथ शिंदे ठोकते रहे हैं बालासाहेब की विरासत पर दावा

एकनाथ शिंदे खुद को बालासाहेब ठाकरे का सिपाही बताते हुए उनकी विरासत पर दावा करते रहे हैं। एकनाथ शिंदे ने सीएम बनने के बाद भी अपने भाषण में बालासाहेब ठाकरे को याद करते हुए कहा था कि आज उनका सपना पूरा हो गया है और सच्चे शिवसैनिक को सत्ता में आने का मौका मिला है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code