
आरएसएस ने औरंगजेब विवाद पर कहा – आज के दौर में प्रासंगिक नहीं मुगल बादशाह
बेंगलुरु, 19 मार्च। मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर महाराष्ट्र में जारी विवाद और उसी कड़ी में नागपुर में बीते सोमवार को हुई हिंसा के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा है कि आज के दौर में मुगल बादशाह प्रासंगिक नहीं हैं।
आरएसएस के राषट्रीय प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने कर्नाटक की राजधानी में 21 जनवरी से प्रस्तावित आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) के तीन दिवसीय सम्मेलन के संदर्भ में बुधवार को यहां आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह टिप्पणी की।
समाज के लिए किसी भी तरह की हिंसा ठीक नहीं – सुनील आंबेकर
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान औरंगज़ेब पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में सुनील आंबेकर ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि आज के दौर में वो प्रासंगिक नहीं हैं।’ नागपुर हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि समाज के लिए किसी भी तरह की हिंसा ठीक नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस नागपुर में हिंसा की वजहों की पड़ताल कर रही है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के संभाजीनगर ज़िले में औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए विश्व हिन्दू परिषद (VHP) और बजरंग दल समेत कुछ हिन्दूवादी संगठनों के प्रदर्शन के बाद फैली कथित अफवाह के बाद सोमवार की रात नागपुर के महाल इलाके में हिंसा भड़क उठी थी और कुछ पुलिसकर्मियों समेत लगभग 40 लोग घायल हो गए थे। उपद्रवियों ने इस दौरान क्रेन सहित लगभग डेढ़ दर्जन वाहन फूंक डाले थे।
नागपुर पुलिस ने बीते लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ जोर आजमा चुके अल्पसंख्यक डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के नगर अध्यक्ष फहीम खान को इस हिंसा का मास्टर माइंड ठहराया है। इस मामले में केस दर्ज कर अब तक 50 से ज्यादा उपद्रवियों की गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं।
फिल्म ‘छावा‘ को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहरा चुके हैं सीएम फडणवीस
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी मंगलवार को विधानसभा में नागपुर हिंसा पर बयान दिया था और हिंसा के लिए हाल में आई फिल्म ‘छावा’ को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि फिल्म में शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महाराज पर औरंगज़ेब के अत्याचार को दिखाया गया है। इससे लोगों की भावनाएं भड़क उठीं।
‘छावा से लोगों में औरंगजेब के प्रति नाराजगी होने‘ का सवाल टाल गए
हालांकि सुनील आंबेकर ने ‘छावा से लोगों में औरंगजेब के प्रति नाराजगी होने’ में पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया। आरएसएस प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि हिंसा नागपुर में आरएसएस के मुख्यालय से काफी दूर हुई है।
पीएम मोदी के संघ मुख्यालय के दौरे में कुछ भी असामान्य नहीं
आरएसएस प्रवक्ता ने आने वाले हफ्तों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरएसएस मुख्यालय के दौरे के बारे में भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानंमत्री के संघ के मुख्यालय के दौरे में कुछ भी असामान्य नहीं है। उन्होंने कहा, ‘उनका स्वागत है। अटल बिहारी वाजपेयी भी संघ के मुख्यालय गए थे।’
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 2025 में संघ कार्य विस्तार की योजना पर चर्चा तथा बांग्लादेश में हिन्दू उत्पीड़न और संघ की 100 साल की यात्रा पर आएगा प्रस्ताव: https://t.co/rdjIsO0hzF
— RSS (@RSSorg) March 19, 2025
संघ की शाखाओं में भाग लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही
सुनील आंबेकर ने इस सवाल को भी खारिज कर दिया कि संघ की शाखाओं में आने वालों की संख्या (एबीपीएस सम्मेलन के आखिर में इसके आंकड़े जारी करेगी) घट रही है। उन्होंने कहा, ‘आंकड़े खुद बता देंगे। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि संघ में ज्यादा से ज्यादा लोग आ रहे हैं। हर साल 1.20 लाख लोग हमारे पास आते हैं। इसलिए आपका ये सवाल कि संघ की शाखाओं में आने वालों की संख्या कम हो रही है, सही नहीं है।’
आरएसएस इस वर्ष अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा
आंबेकर ने कहा, ‘पिछले चार वर्षों में हमने शहरों और ग्रामीण इलाकों में शाखाओं के विस्तार के प्रयास किए हैं। अब पहले जहां शाखाएं नहीं लगती थी, वहां भी लग रही हैं।’ उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस वर्ष अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा इस वर्ष आरएसएस के 100 वर्षों की समीक्षा पेश करेगी। इसके साथ ही ये संघ की भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताएगी। आंबेकर के अनुसार 2025 से 2026 के विजयादशमी तक आरएसएस का शताब्दी वर्ष मनाया जाएगा।
बांग्लादेश सहित विश्वभर में हिन्दुओं पर हमलों के खिलाफ प्रस्ताव लाएंगे
एबीपीएस के सम्मेलन के आख़िरी दिन एक प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा। एबीपीएस ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों पर प्रस्ताव पारित करने का एलान भी किया। आंबेकर ने कहा, ‘सभा सिर्फ बांग्लादेश में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हिन्दुओं पर हमलों के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी।’
बैठक में पंच परिवर्तन कार्यक्रम की समीक्षा की जाएगी
उन्होंने कहा कि बैठक में पंच परिवर्तन कार्यक्रम की समीक्षा की जाएगी। पंच परिवर्तन ने परिवार में जागृति, सामाजिक एकता, कर्तव्य बोध के प्रति नागरिक चेतना, पर्यावरण संरक्षण और स्वदेशी जीवन शैली को बढ़ावा दिया है।