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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बोले – ‘भगवान के सामने कोई जाति-वर्ण नहीं, पंडितों ने बनाई श्रेणी’

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बोले – ‘भगवान के सामने कोई जाति-वर्ण नहीं, पंडितों ने बनाई श्रेणी’

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मुंबई, 5 फरवरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रामचरित मानस विवाद के बीच जातिवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने जाति व्यवस्था पर कहा कि जाति भगवान ने नहीं बनाई है बल्कि पंडितों ने इसकी श्रेणी बनाई है।

आरएसएस प्रमुख ने रविवार को यहां संत रविदास (संत रोहिदास) की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ये उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक है..उनमें कोई जाति या वर्ण नहीं है.. लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, जो कि गलत था। उन्होंने कहा कि देश में विवेक, चेतना सभी एक हैं। उसमें कोई अंतर नहीं, बस मत अलग-अलग हैं।

मोहन भागवत ने कहा, ‘हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया है। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आये लोगों ने फायदा उठाया।’ उन्होंने सवाल करते हुए कहा, ‘हिन्दू समाज देश में नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता। आपको समझना होगा। हमारे आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी जिम्मेदारी होती है। जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो गया।’

धर्म के अनुसार कर्म करो

आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा, ‘संत रोहिदास की जयंती पर कुछ बोलने का मुझे मौका मिला है यह मेरा भाग्य है। संत रोहिदास ने कहा कर्म करो, धर्म के अनुसार कर्म करो। पूरे समाज को जोड़ो, समाज की उन्नति के लिए काम करना यही धर्म है। सिर्फ अपने बारे में सोचना और पेट भरना ही धर्म नहीं है और यही वजह है कि समाज के बड़े-बड़े लोग संत रोहिदास के भक्त बने।’

किसी भी हाल में धर्म ना छोड़िए

भागवत ने कहा कि संत रोहिदास ने तुलसीदास, कबीर, सूरदास से ऊंचे थे इसलिए संत शिरोमणि थे। संत रोहिदास शास्त्रार्थ में ब्राह्मणों से भले नहीं जीत सके, लेकिन उन्होंने लोगों के मन को छुआ और विश्वास दिया कि भगवान हैं। संघ प्रमुख ने कहा कि पहले सत्य, करुणा, अंतर पवित्र, सतत परिश्रम और चेष्टा यह चार मंत्र संत रोहिदास ने समाज को दिया। उन्होंने कहा कि आज की परिस्थिति को ध्यान दीजिए..किसी भी हाल में धर्म ना छोड़िए। संत रोहिदास समेत जितने भी बुद्धजीवी हुए, उन सभी का कहने का तरीका कुछ भी हो, लेकिन मकसद हमेशा एक रहा..धर्म से जुड़े रहो।

हिन्दू और मुसलमान सभी एक ही हैं

मोहन भागवत ने कहा कि हिन्दू और मुसलमान सभी एक ही हैं। काशी का मंदिर टूटने के बाद शिवाजी महाराज ने औरंगज़ेब को पत्र लिखा और कहा, ‘हिन्दू हो या मुस्लिम, हम सभी ईश्वर के एक ही बच्चे हैं। अगर यह आपको अमान्य होगा तो उत्तर में आपसे युद्ध करने के लिए आना पड़ेगा। समाज और धर्म को द्वेष के नजर से मत देखो..गुनी बनो,धर्म का पालन करो।’

आज दुनिया में भारत को सम्मान से देखा जाता है

संघ प्रमुख ने कहा कि समाज में आज जो बेरोजगारी बढ़ रही है..उसमें भी काम को लेकर बड़ा-छोटा समझना भी एक बड़ी वजह है। संत रोहिदास ने कहा है लगातार कोशिश करते रहो, समाज ज़रूर बदलेगा..लोगों की सोच बदलेगी। आज दुनिया में भारत को सम्मान से देखा जाता है..उसकी वजह है ही समाज को साथ लेकर चलना होगा..यह संत रोहिदास ने बताया है। उन्होंने कहा कि मानवता धर्म मानने वालों का जो धर्म है, वह हिन्दू धर्म है।

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