केपटाउन, 5 जनवरी। यशस्वी जायसवाल को यह स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला चुनौतीपूर्ण थी और उन्होंने कहा कि भारतीय कप्तान कप्तान रोहित शर्मा ने उन्हें सकारात्मक मानसिकता बनाए रखने में मदद की। सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क और केपटाउन के न्यूलैंड्स की उछालभरी पिचों पर जायसवाल चार पारियों में केवल 50 रन ही बना सके। दो टेस्ट मैच की श्रृंखला 1-1 से बराबर रही।
दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में 79 रन के लक्ष्य का पीछा करने के दौरान 23 गेंद में 28 रन की तेज पारी खेलने वाले जायसवाल ने कहा, ‘‘रोहित शर्मा मुझे सकारात्मक मानसिकता बनाए रखने में मदद करते हैं और हमें नई गेंद के खिलाफ तेजी से रन बनाने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं बस अच्छी शुरुआत देना चाहता था और मेरे दिमाग में यही सब था क्योंकि हमें मैच जीतना था। पिछली तीन पारियों में और इस पारी में भी मैंने यही किया।’’
यह 22 वर्षीय खिलाड़ी जानता है कि उछाल और पिच से मिलने वाली मूवमेंट से निपटने के लिए सुधार करने की जरूरत है। जयसवाल ने कहा, ‘‘हां, यह दौरा मेरे लिए सीखने वाला अनुभव रहा है। अलग माहौल और हर मायने में यह एक सुखद अनुभव रहा है। उन सुधारों के बारे में सीखा जो मुझे करने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यहां गेंद अलग तरह से आती है और मैंने अपना सब कुछ देने की कोशिश की लेकिन मैं स्वीकार करता हूं कि चुनौतियां थीं। यह अनुभव मुझे अच्छी स्थिति में रखेगा क्योंकि मैं सीख रहा हूं और अगली श्रृंखला के दौरान सुधार करने का प्रयास करूंगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह इंग्लैंड के खिलाफ हैदराबाद में 25 जनवरी से शुरू होने वाली आगामी टेस्ट श्रृंखला में बल्लेबाजी की अपनी आक्रामक शैली बरकरार रखेंगे तो जायसवाल ने कहा, ‘‘ऐसी कोई विशेष शैली नहीं है जिसका मैं पालन करना चाहता हूं और ऐसा नहीं है कि मेरा खेल केवल आक्रामक है। मैं टीम की जरूरत के अनुसार अपना खेल बदल सकता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर यह पहला दिन है तो मैं अलग तरह से बल्लेबाजी करूंगा और अगर यह अंतिम सत्र है और 70 रनों की जरूरत है तो अलग तरह से बल्लेबाजी करूंगा। मैं टीम की जरूरत के अनुसार अपने खेल को बदलने की कोशिश करता हूं।’’ जायसवाल को कप्तान रोहित और विराट कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ियों से नियमित रूप से सुझाव मिलते हैं कि स्थिति के अनुसार अपने खेल में कैसे बदलाव किया जाए जबकि कोच राहुल द्रविड़ ने उनसे विशिष्ट तकनीकी पहलुओं के बारे में बात की।
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल सर ने मुझसे कहा कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अगर आप शॉट खेलने से चूकते हैं या गेंद आपको लगती है और फिर भी आप क्रीज पर खड़े हैं तो आप अच्छा कर रहे हैं।’’ कोच की ओर से सबसे अच्छी सलाह क्या रही, इस पर जायसवाल ने कहा, ‘‘असल में वह चाहते हैं कि मैं खुलकर और हमेशा मुस्कुराते हुए बल्लेबाजी करूं।’’