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एशियाड टेनिस : रामकुमार व साकेत ने पुरुष युगल में पक्का किया पदक, एकल में भारतीय चुनौती समाप्त

एशियाड टेनिस : रामकुमार व साकेत ने पुरुष युगल में पक्का किया पदक, एकल में भारतीय चुनौती समाप्त

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हांगझू, 27 सितम्बर। रामकुमार रामनाथन और साकेत माइनेनी की जोड़ी ने यहां 19वें एशियाई खेलों की टेनिस स्पर्धा के पुरुष युगल सेमीफाइनल में प्रवेश के साथ ही भारत के लिए एक पदक पक्का कर दिया है। रोहन बोपन्ना व ऋतुजा भोसले की मिश्रित जोड़ी ने भी उम्मीदें जीवंत रखी हैं। लेकिन देश के शीर्ष  एकल खिलाड़ियों – सुमित नागल और पिछली बार की कांस्य पदक विजेता अंकिता रैना की पराजय के साथ ही एकल में भारत की पदक की आस समाप्त हो गई।

पुरुष युगल में दूसरी सीड लेकर उतरे रामकुमार और साकेत ने क्वार्टर फाइनल में चीन के यिबिंग वू व झीझेन झांग को 6-1, 7-6 (8) से हराकर कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लिया। हालांकि रोहन बोपन्ना व युकी भांबरी की शीर्ष वरीय जोड़ी को पहले ही दौर में स्तब्धकारी पराजय का सामना करना पड़ा था।

रोहन बोपन्ना व ऋतुजा भोसले की आसान जीत

इस बीच रोहन बोपन्ना ने मिश्रित युगल के तीसरे दौर में ऋतुजा भोसले के साथ मिलकर आसान जीत हासिल की। बोपन्ना और ऋतुजा की जोड़ी ने जापानी अयानो शिमिजु व शिंजी हाजावा को 6-3, 6-4 से शिकस्त दी।

टॉप सीड अंकिता रैना और युकी भांबरी की जोड़ी परास्त

लेकिन टॉप सीड अंकिता रैना और युकी की दूसरी भारतीय जोड़ी को बाहर होना पड़ा। युकी व अंकिता को एलेक्स एला व फ्रांसिस एल्कैन्टारा की 14वीं वरीय फिलिपीनी जोड़ी ने  6-4, 4-6, 10-8 से शिकस्त दे दी।

सुमित एकल क्वार्टर फाइनल में टॉस सीड झीझेन झांग से हारे

फिलहाल भारतीय अभियान को सबसे बड़ा आघात एकल मुकाबले में सुमित नागल की हार से सहना पड़ा। बीते दिनों डेविस कप विश्व ग्रुप-2 टाई में मोरेक्को के खिलाफ अपने दोनों रबर जीतने वाले पांचवें वरीय नागल क्वार्टर फाइनल में सर्वोच्च वरीय चीनी स्पर्धी झीझेन झांग को टक्कर नहीं दे सके। एटीपी रैकिंग में 60वें क्रम के खिलाड़ी झांग ने पहला सेट टाई ब्रेकर में गंवाने के बाद दो घंटे 16 मिनट में मुकाबला 6-7, 6-1, 6-2 से जीत लिया।

पिछली बार की कांस्य पदक विजेता अंकिता भी तीन सेटों में परास्त

उधर महिला एकल में डब्ल्यूटीए रैंकिंग की 198वें क्रम की खिलाड़ी अंकिता भी स्वयं से निचली रैंकिंग वाली जापानी खिलाड़ी से हार गईं। हारुका काजी (213 वीं रैंकिंग) ने पहला सेट गंवाने के बाद 3-6, 6-4, 6-4 की जीत से सेमीफाइनल और पदक पक्का कर लिया।

सोमदेव देववर्मन ने 2010 में दिलाया था स्वर्ण पदक

एशियाई खेलों के पुरुष एकल की बात करें तो सोमदेव देववर्मन ने 2010 में स्वर्ण जीता था। उसके बाद युकी भांबरी (2014 इंचियोन) और प्रजनेश गुणेश्वरन (2018 जकार्ता) ने कांस्य पदक जीता था। दोहा में 2006 में हुए खेलों में रोहन बोपन्ना और करण रस्तोगी एकल वर्ग में पदक दौर में नहीं पहुंच सके थे।

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