राकेश टिकैत की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से अपील – कृषि कानून रद करने के लिए पीएम मोदी से कहें
नई दिल्ली, 24 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच होने वाली द्विपक्षीय बैठक के पहले किसान नेता राकेश टिकैत के एक ट्वीट ने धमाल मचा दिया है। तीन कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर दिल्ली समेत कई राज्यों में आंदोलनरत किसानों की अगुआई कर रहे टिकैत ने अपने ट्वीट में बाइडेन से अपील की है कि वह पीएम मोदी के सामने किसानों का मुद्दा उठाएं और कृषि कानूनों को रद करने के लिए उनसे कहें।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियु) के नेता टिकैत ने अपने ट्वीट में जो बाइडेन से आग्रह किया है कि वह पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में कृषि कानूनों का मुद्दा उठाएं। नरेंद्र मोदी से कहें कि वह भारत के किसानों की आवाज सुनें और संसद से पारित तीनों कृषि कानूनों को रद करके किसानों के हित में नया कानून बनाएं।
‘कृषि कानूनों को रद करवाकर हमें बचा लें’
टिकैत ने अपने ट्वीट में जो बाइडेन से कहा, ‘कृषि कानूनों को रद करवाकर हमें बचा लें। पीएम मोदी के साथ अपनी मीटिंग में हमारी चिंता से उन्हें अवगत कराएं। आप हमारा समर्थन करें। किसान 11 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इसमें 700 किसानों की मौत हो चुकी है। इसलिए इन काले कानूनों को रद किया जाना चाहिए, ताकि हम सुरक्षित रह सकें।’ इसके बाद ट्विटर पर ‘किसानों के हक में बोलें बाइडेन’ ट्रेंड करने लगा।
Dear @POTUS, we the Indian Farmers are protesting against 3 farm laws brought by PM Modi's govt. 700 farmers have died in the last 11 months protesting. These black laws should be repealed to save us. Please focus on our concern while meeting PM Modi. #Biden_SpeakUp4Farmers
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) September 24, 2021
देश में पिछले 10 माह से चल रहा किसान आंदोलन
ज्ञातव्य है कि कृषि कानूनों के खिलाफ राकेश टिकैत की अगुआई में पिछले 10 माह से हजारों किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि तीन नए कानून उन्हें कॉरपोरेट घरानों का गुलाम बना देगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त कर दिया जाएगा और औने-पौने दाम पर अपना अनाज बेचने के लिए किसानों को मजबूर किया जाएगा।
दूसरी तरफ सरकार की दलील है कि एमएसपी कभी खत्म नहीं होगी। साथ ही सरकार यह भी भरोसा दे रही है कि वह कृषि कानूनों में किसानों की मर्जी के अनुरूप कुछ संशोधन करने के लिए तैयार है। लेकिन किसान संगठन इस बात पर अड़े हैं कि तीनों कानूनों को रद किया जाए। जब तक ये कानून रद नहीं होंगे, तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा।
केंद्र सरकार बार-बार कह रही है कि नए कानून में किसानों को आजादी दी गई है कि जहां ज्यादा मूल्य मिले, वे अपना अनाज वहां बेचें। नए कानून से कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा। इससे किसान सशक्त होंगे। उनकी आय बढ़ेगी और भारत की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।