पुतिन ने स्वीडन में कुरान जलाने की घटना पर जताई नाराजगी, मस्जिद जाकर बोले – ‘रूस में दंड का प्रावधान’
मॉस्को, 29 जून। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने स्वीडन में कुरान जलाने की घटना पर नाराजगी जताई है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि पवित्र कुरान के अपमान को कुछ देशों में अपराध के रूप में नहीं देखा जाता है, लेकिन रूस में इसके लिए दंड का प्रावधान है। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में, यह संविधान और दंड संहिता दोनों के अनुसार एक अपराध है। ऐसा अपराध अगर रूस में होता तो दोषी को निश्चित रूप से दंडित किया जाता।’
डर्बेंट की ऐतिहासिक मस्जिद का दौरा किया
राष्ट्रपति पुतिन ने यह बयान रूसी संघ के दागिस्तान स्वायत्त गणराज्य में डर्बेंट की अपनी यात्रा के दौरान दिया। इस यात्रा में उन्होंने डर्बेंट की ऐतिहासिक मस्जिद का दौरा किया और दागिस्तान के मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की।
पुतिन को गिफ्ट में मिला कुरान
रूसी समाचार एजेंसी TASS ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन को जुमा मस्जिद की यात्रा के दौरान उपहार के रूप में पवित्र कुरान की एक प्रति मिली। उन्होंने उपहार के लिए मुस्लिम नेताओं को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘कुरान मुसलमानों के लिए पवित्र है और दूसरों के लिए भी पवित्र होना चाहिए। हम हमेशा इन नियमों का पालन करेंगे।’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुतिन का यह बयान बुधवार को स्टॉकहोम की केंद्रीय मस्जिद के बाहर एक व्यक्ति द्वारा पवित्र कुरान की प्रति फाड़ने और जलाने के बाद आया है। स्वीडन की पुलिस ने बाद में उस व्यक्ति पर एक जातीय या राष्ट्रीय समूह के खिलाफ आंदोलन का आरोप लगाया। फिलहाल स्वीडन में इस्लाम के खिलाफ प्रदर्शनों की एक श्रृंखला ने तुर्की सहित मुस्लिम जगत को नाराज कर दिया है। तुर्की के विदेश मंत्री ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इस्लाम विरोधी प्रदर्शनों की अनुमति देना अस्वीकार्य है।
पहले भी कुरान जलाने का विरोध कर चुका है रूस
उल्लेखनीय है कि जनवरी में जब स्वीडन में इसी तरह की घटना हुई थी, तब भी रूसी विदेश मंत्रालय ने पवित्र कुरान को जलाने को इस्लामोफोबिया का एक और उत्तेजक कृत्य बताया था। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि इन निंदनीय काररवाइयों ने रूसी मुस्लिम समुदाय सहित इस्लामी दुनिया में अनुमानित रूप से कठोर प्रतिक्रिया को उकसाया है।