‘राजपूत नहीं, गुर्जर शासक थे पृथ्वीराज चौहान’, गुर्जर महासभा की मांग- फिल्म में दिखाया जाए ‘सच’
मुंबई, 21 मई। राजस्थान के एक गुर्जर संगठन ने दावा किया कि पृथ्वीराज चौहान गुर्जर शासक थे, राजपूत नहीं। इसके साथ ही संगठन ने अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म ‘पृथ्वीराज’ में उन्हें (पृथ्वीराज) को गुर्जर शासक के रूप में दिखाए जाने की मांग शुक्रवार को दोहरायी है। पृथ्वीराज चौहान उस क्षेत्र के शासक थे, जो वर्तमान में अजमेर में है। अगले माह रिलीज होने वाली इस फिल्म का निर्माण यशराज फिल्म्स ने किया है और इसका निर्देशन चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने किया है। इसमें संजय दत्त, मानुषी छिल्लर ओर मानव विज भी हैं।
पृथ्वीराज चौहान या पृथ्वीराज तृतीय, 12 वीं शताब्दी के योद्धा थे जिनका शासन उत्तर में स्थानविश्वर (थानेसर) से लेकर दक्षिण में मेवाड़ तक फैला था। राजस्थान का वर्तमान अजमेर उनके राज्य की राजधानी था। अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा ने जयपुर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि महाकाव्यों में वर्णित तथ्य यह स्थापित करते हैं कि पृथ्वीराज चौहान ‘गुर्जर’ थे।
- ‘पृथ्वीराज रासो’ का दिया हवाला
महासभा के आचार्य वीरेंद्र विक्रम ने दावा किया कि ‘पृथ्वीराज रासो’ के प्रथम भाग में पृथ्वीराज चौहान के पिता सोमेश्वर को गुर्जर लिखा गया है। उन्होंने कहा कि कई अन्य ऐतिहासिक तथ्य हैं जो स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि वह (पृथ्वीराज चौहान) गुर्जर थे। विक्रम ने कहा कि तथ्यों के आधार पर फिल्म निर्माताओं से मांग की गई है कि फिल्म में पृथ्वीराज चौहान को गुर्जर शासक के रूप में दिखाया जाए ना कि राजपूत के रूप में।
- सही तथ्य पेश करें फिल्म निर्माता: भार्गड
महासभा के प्रदेशाध्यक्ष मनीष भार्गड ने कहा कि महासभा ने पिछले साल फिल्म निर्माता से मुलाकात कर उन्हें ऐतिहासिक साक्ष्य सौंपे थे और फिल्म में सही तथ्य पेश करने का अनुरोध किया था। इस मामले में राजपूत नेताओं की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।