प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के 7 वर्ष पूरे, योजना के तहत अब तक 18.60 लाख करोड रुपये की राशि स्वीकृत
नई दिल्ली, 8 अप्रैल। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत स्वीकृत किए गए कुल ऋण में से 51 प्रतिशत से अधिक ऋण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिए गए हैं।
पीएम मुद्रा योजना के शुक्रवार को सात वर्ष पूरे होने के अवसर पर सीतारामन ने एक बयान में कहा कि सामाजिक न्याय की यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना ‘सबका साथ, सबका विकास’ की सच्ची भावना के साथ चलाई जा रही है।
पीएम मोदी ने 2015 में शुरू की थी यह योजना
निर्मला ने कहा कि इस योजना ने विशेष रूप से छोटे व्यवसायों के लिए एक अनुकूल माहौल बनाने और जमीनी स्तर पर बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है। पीएम मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 को गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु या सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करने के लिए योजना शुरू की थी।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अब तक 18.60 लाख करोड़ रुपये के 34.42 करोड़ से अधिक ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं। महिला उद्यमियों को स्वीकृत लगभग 68 प्रतिशत ऋण और नए उद्यमियों को 22 प्रतिशत ऋण दिए गए हैं, जिन्होंने योजना की शुरुआत के बाद से कोई ऋण नहीं लिया था।
वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शुरू करने के पीछे प्रेरणा शक्ति सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बिना किसी परेशानी और बाधा के संस्थागत ऋण प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि योजना नीति आयोग द्वारा चिह्नित महत्वाकांक्षी जिलों के लाभार्थियों की बढ़ती संख्या को ऋण देने में सक्षम रही है।