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दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक पर पद छोड़ने का बढ़ा दबाव, विपक्षी पार्टियों ने पेश किया महाभियोग प्रस्ताव

दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक पर पद छोड़ने का बढ़ा दबाव, विपक्षी पार्टियों ने पेश किया महाभियोग प्रस्ताव

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सोल (दक्षिण कोरिया), 4 दिसम्बर। दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक योल द्वारा मंगलवार की रात आपातकालीन मार्शल लॉ घोषित करने के फैसले ने न सिर्फ देश में राजनीतिक भूचाल ला दिया वरन खुद उनकी कुर्सी भी खतरे में पड़ गई है।

यून सुक को 6 में ही वापस लेना पड़ा मार्शल लॉ

राष्ट्रपति यून ने मार्शल लॉ घोषित करने के साथ राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि राष्ट्र को उसके कामकाज और संवैधानिक व्यवस्था को बाधित करने का प्रयास करने वाली राज्य विरोधी ताकतों से बचाने के लिए यह कदम आवश्यक था। हालांकि नेशनल असेंबली ने सर्वसम्मति से मार्शल लॉ की घोषणा को खारिज कर दिया, जिससे यून सुक को छह घंटे के अंदर बुधवार को तड़के ही मार्शल लॉ हटाने की घोषणा करनी पड़ी।

बात यहीं तक सीमित नहीं थी वरन दक्षिण कोरिया के मुख्य विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी (डीपी) ने बुधवार को राष्ट्रपति यून सुक योल से तत्काल पद छोड़ने की मांग की और डीपी की अगुआई में विपक्षी दलों ने बुधवार को राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव पेश कर दिया। अह अल्पकालिक ‘मार्शल लॉ’ लागू करने के मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति यून पर राष्ट्रपति पद छोड़ने का दबाव है। इस कानून की वजह से सैनिकों ने संसद को घेर लिया था। हालांकि, सांसदों ने तड़के करीब साढ़े चार बजे कैबिनेट की एक बैठक के दौरान ‘मार्शल लॉ’ हटाने का फैसला किया, जिसके बाद इसे हटाने की यून ने औपचारिक घोषणा की।

महाभियोग प्रस्ताव पर शुक्रवार को हो सकता है मतदान

राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने के लिए प्रस्ताव संसद के दो-तिहाई बहुमत या 300 में से 200 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी। इसके बाद कम से कम छह संवैधानिक न्यायालय के न्यायाधीशों का समर्थन भी आवश्यक होगा। मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी और पांच छोटे विपक्षी दलों द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत इस प्रस्ताव पर शुक्रवार को मतदान हो सकता है।

यून के वरिष्ठ सलाहकारों और मंत्रियों की सामूहिक इस्तीफे की पेशकश

इस बीच यून के वरिष्ठ सलाहकारों और मंत्रियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की पेशकश की है तथा रक्षा मंत्री किम योंग ह्युन सहित उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों से भी पद छोड़ने की मांग की गई है। वहीं राजधानी सोल की सड़कों पर पुलिस हर स्थिति से निबटने के लिए तैयार नजर आई। हालांकि आम दिनों की तरह ही पर्यटक और निवासी सड़कों पर नजर आए, यातायात और निर्माण कार्य भी जारी रहा।

सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टीके 10 सांसदों को भी झुकना पड़ा

नेशनल असेंबली के अधिकारियों के अनुसार, डेमोक्रेटिक पार्टी और अन्य छोटे विपक्षी दलों के पास कुल 192 सीटें हैं। लेकिन जब संसद ने 190-0 वोट से यून के ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा को खारिज कर दिया, तो यून की सत्तारूढ़ ‘पीपुल्स पावर पार्टी’ के लगभग 10 सांसदों ने भी विपक्ष का समर्थन करते हुए मतदान किया।

महाभियोग चला तो संवैधानिक शक्तियां खो देंगे यून सुक

अब यदि यून पर महाभियोग चलाया जाता है तो संवैधानिक न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने तक उनकी संवैधानिक शक्तियां छीन ली जाएंगी और दक्षिण कोरियाई सरकार में दूसरे नंबर के पद पर काबिज प्रधानमंत्री हान डक-सू, राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियां संभालेंगे।

देश में 40 वर्षों से अधिक समय में अपनी तरह की पहली घोषणा

यून की ‘मार्शल लॉ’ घोषणा 40 से अधिक वर्षों में अपनी तरह की पहली घोषणा है, जो दक्षिण कोरिया की पिछली सैन्य-समर्थित सरकारों की याद दिलाती है, जब अधिकारी कभी-कभी ‘मार्शल लॉ’ और अन्य फरमानों की घोषणा करते थे। यह कानून अधिकारियों को सरकार विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए सड़कों या स्कूलों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर लड़ाकू सैनिकों, टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को तैनात करने की अनुमति देता है।

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