उपेंद्र कुशवाहा के बयान से बिहार में सियासी तूफान, बोले – महागठबंधन में जाने से पहले राजद के साथ डील हुई थी
पटना, 24 जनवरी। सत्तारूढ़ जदयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में जाने की अटकलों के बीच एक ऐसा बयान दे दिया है, जिसे बिहार में फिर सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है।
‘मुख्यमंत्री अब भी चेत जाएं नहीं तो मुश्किल होगी‘
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि महागठबंधन में जाने से पहले जदयू के कुछ नेताओं ने राजद के साथ डील की थी। ये सब नीतीश कुमार को कमजोर करने के लिए किया गया। उन्होंने कहा, ‘मुझे नीतीश जी बुलाएं। मैं सब कुछ साफ कर दूंगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष बुलाएं, उनके सामने सब कुछ रख दूंगा। क्यों राजद के लोग कह रहे हैं कि उनके नेता को शपथ दिलाई जाए? मुख्यमंत्री अब भी चेत जाएं नहीं तो मुश्किल होगी।”
जदयू नेता ने ये बातें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करने के दौरान कहीं। उन्होंने यह भी कहा कि कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर आयोजित सरकार के कार्यक्रम में उनको नहीं बुलाया गया था, इसलिए वह खुद कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचे।
भाजपा में जाने की अटकलों को खारिज कर चुके हैं जदयू नेता
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से उपेंद्र कुशवाहा की भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हैं। पिछले हफ्ते जब उपेंद्र कुशवाहा दिल्ली के एम्स में भर्ती थे, तो भाजपा के कुछ नेता उनसे मिलने भी पहुंचे थे। हालांकि, उपेंद्र कुशवाहा ने इन अटकलों को खारिज किया है।
कुशवाहा के बयान से सीएम नीतीश भी पल्ला झाड़ चुके हैं
महागठबंधन के बारे में उपेंद्र कुशवाहा के लगातार आ रहे बयानों के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान भी आया था। नीतीश कुमार ने सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर आयोजित राजकीय समारोह के दौरान कहा, ‘हम लोग इन सब चीजों को नहीं देखते हैं। उपेंद्र कुशवाहा को जो मन करे, वह बोलें। जदयू के कौन-कौन नेता भाजपा के संपर्क में हैं, इसका जवाब कुशवाहा ही दे सकते हैं।’
बिहार में ये अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि उपेंद्र कुशवाहा अपनी पुरानी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को फिर से खड़ा कर सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अगले महीने फरवरी में 22 तारीख को बिहार दौरे पर जाने वाले हैं। माना जा रहा है कि अमित शाह के बिहार दौरे से पहले उपेंद्र कुशवाहा की स्थिति स्पष्ट हो सकती है कि वह फिर से भाजपा के साथ जाएंगे या नहीं।