कोविड टीकाकरण : धीमी रफ्तार वाले जिलों के अधिकारियों संग समीक्षा बैठक करेंगे पीएम मोदी
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी तीन नवंबर को कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान में पीछे छूट रहे विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रविवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी। इस समीक्षा बैठक में संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शिरकत करेंगे।
गौरतलब है कि पीएम मोदी इस समय पांच दिवसीय विदेश यात्रा पर हैं। विदेश यात्रा के पहले चरण में पीएम मोदी गत 29 अक्टूबर को इतालवी राजधानी रोम पहुंचे थे, जहां शनिवार से आयोजित दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मलेन में शिरकत कर रहे हैं। जी-20 समिट के बाद प्रधानमंत्री ग्लास्गो जाएंगे जहां एक और दो नवंबर को उन्हें कॉप-26 शिखर सम्मेलन में भाग लेना है।
पीएमओ ने बयान में कहा कि जी-20 और सीओपी-26 शिखर सम्मेलनों में शामिल होने के बाद भारत लौटते ही पीएम मोदी तीन नवंबर को टीकाकरण की कम दर वाले जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक करेंगे।
देश के 40 जिलों में टीके की पहली खुराक देने की दर 50 फीसदी से भी कम
वक्तव्य के अनुसार इस बैठक में उन 40 जिलों को शामिल किया गया है, जहां टीकों की पहली खुराक देने की दर 50 प्रतिशत से कम और दूसरी खुराक देने की दर बहुत कम है। कम टीकाकरण दर वाले ये 40 जिले झारखंड, मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय और कुछ अन्य राज्यों के हैं।
कोविड टीकाकरण : अगले माह ‘हर घर दस्तक’ महा अभियान शुरू करेगी मोदी सरकार
ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार कोविड टीकाकरण अभियान को गति देने के उद्देश्य से ही अगले माह महा टीकाकरण अभियान – ‘हर घर दस्तक’ शुरू करने जा रही है। दो दिन पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने यह जानकारी देते हुए कहा था कि अभियान के तहत अगले पूरे एक माह तक सभी राज्यों में स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों को टीके लगाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों पर गौर करें तो शनिवार तक देश में 106.43 करोड़ से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। लेकिन इनमें लगभग 33 करोड़ लोग ही ऐसे हैं, जिनका पूर्ण टीकाकरण हुआ है। पात्र लोगों में 77 करो़ड़ से ज्यादा को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां टीकाकरण के प्रति अब भी उदासीनता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है।