पीएम मोदी की सिविल सेवा अधिकारियों को सीख – वर्चुअली ट्रेनी को अपनी कल्पना और कठिनाई की प्रजेंटेशन दें
नई दिल्ली, 21 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 15वें सिविल सेवा दिवस के अवसर पर लोक प्रशासन विशिष्टता पुरस्कार प्रदान किए और सिविल सेवा अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, ‘आप सभी को सिविल सेवा दिवस की बधाई। आज जिन साथियों को पुरस्कार मिले हैं, उनको और उनकी पूरी टीम को मेरे तरफ से बहुत बधाई। जिन्हें आज पुरस्कार मिला है, वो हर हफ्ते वर्चुअली ट्रेनी को अपनी कल्पना और कौन-सी कठिनाई आई, उसकी प्रजेंटेशन दें। इससे नई पीढ़ी को लाभ मिलेगा।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘आप जैसे साथियों से इस प्रकार से संवाद मैं लगभग 20-22 साल से कर रहा हूं। पहले मुख्यमंत्री के रूप में करता था और अब प्रधानमंत्री के रूप में कर रहा हूं। उस कारण एक प्रकार से कुछ मैं आपसे सीखता हूं और कुछ अपनी बातें आप तक पहुंचा पाता हूं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत काल यानी 75 साल की इस यात्रा में भारत को आगे बढ़ाने में सरदार पटेल का सिविल सर्विस का जो तोहफा है, इसके जो ध्वजवाहक लोग रहे हैं, उन्होंने इस देश की प्रगति में कुछ न कुछ योगदान दिया ही है। उन सभी को स्मरण करना अमृत काल में सिविल सर्विस को ऑनर करने वाला विषय बन जाएगा।
‘तेज गति से बदलते विश्व में हमें पल-पल के हिसाब से चलना पड़ेगा‘
उन्होंने कहा, ‘हम पिछली शताब्दी की सोच और नीति नियमों से अगली शताब्दी की मजबूती का संकल्प नहीं कर सकते, इसलिए हमारी व्यवस्थाओं, नियमों और परंपराओं में पहले शायद बदलाव लाने में 30-40 साल लग जाते थे, तब ऐसा चलता होगा। लेकिन तेज गति से बदलते हुए विश्व में हमें पल-पल के हिसाब से चलना पड़ेगा।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में है और हमारे सामने तीन लक्ष्य साफ-साफ होने चाहिए। पहला लक्ष्य है कि देश में सामान्य से सामान्य मानव के जीवन में बदलाव आए और उसे इसका एहसास भी हो। दूसरा – आज हम भारत में कुछ भी करें, उसको वैश्विक संदर्भ में करना समय की मांग है। तीसरा – व्यवस्था में हम कहीं पर भी हों, लेकिन जिस व्यवस्था से हम निकले हैं, उसमें हमारी मुख्य जिम्मेदारी देश की एकता और अखंडता है।’
उन्होंने कहा, ‘देश में सैंकड़ों कानून ऐसे थे, जो देश के नागरिकों के लिए बोझ बन गए थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले पांच साल में मैंने 1,500 ऐसे कानून खत्म किए।’