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भारतीय समुदाय के बीच बोले पीएम मोदी – ‘हमारे लिए मॉरीशस एक परिवार, संकट के समय में भारत हमेशा साथ खड़ा’

भारतीय समुदाय के बीच बोले पीएम मोदी – ‘हमारे लिए मॉरीशस एक परिवार, संकट के समय में भारत हमेशा साथ खड़ा’

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पोर्ट लुईस, 11 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस दौरे के पहले दिन मंगलवार को राजधानी पोर्ट लुईस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि उनके लिए मॉरीशस एक परिवार है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी प्रतिबद्धता दोहराई कि भारत संकट के समय सदैव मॉरीशस के साथ खड़ा है।

दिलचस्प यह रहा कि इस सामुदायिक कार्यक्रम में उपस्थित मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने पीएम मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान, ‘द ग्रांड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ से नवाजने की घोषणा की। पीएम मोदी को यह सम्मान भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके अमूल्य योगदान के लिए दिया जाएगा।

पीएम मोदी इस सम्मान को प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं और यह 21वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है, जो उन्हें किसी अन्य देश द्वारा प्रदान किया जाएगा। मॉरीशस के पीएम रामगुलाम ने कहा कि मोदी पांचवें विदेशी नागरिक हैं, जिन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया जाएगा।

पीएम मोदी ने कहा, ‘साथियों मॉरिशस के लोगों ने, यहां की सरकार ने मुझे अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का फैसला किया है। मैं आपके फैसले को विनम्रता से स्वीकार करता हूं। यह भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक रिश्तों का सम्मान है। यह उन भारतीयों का सम्मान है, जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी इस धरती की खूब सेवा की। आज मॉरीशस को इस ऊंचाई पर लेकर आए हैं। मैं इस सम्मान के लिए आप सभी का सम्मान स्वीकार करता हूं।’

इस बार मॉरीशस से होली के रंग अपने साथ लेकर भारत जाऊंगा

पीएम मोदी ने अपना संबोधन भोजपुरी में शुरू किया। उन्होंने अपनी पिछली यात्रा को याद करते हुए कहा, ‘साथियों, दस साल पहले आज की ही तारीख को मैं मॉरीशस आया था। उस साल तब होली एक हफ्ते पहले बीती थी, तब मैं भारत से फगवा की उमंग अपने साथ लेकर आया था। अब इस बार मॉरीशस से होली के रंग अपने साथ लेकर भारत जाऊंगा। एक दिन बाद वहां भी होली है। 14 तारीख को हर तरफ रंग ही रंग होगा।’

गुजराती में चीनी को मोरस इसलिए भी कहा जाता है

उन्होंने कहा, ‘एक समय था जब भारत के पश्चिमी हिस्सों में मिठाइयों के लिए मॉरीशस से चीनी आती थी, शायद यही वजह रही कि गुजराती में चीनी को मोरस भी कहा गया है। समय के साथ भारत और मॉरीशस के रिश्तों की मिठास और भी बढ़ती जा रही है। इसी मिठास के साथ मैं मॉरीशस के सभी निवासियों को राष्ट्रीय दिवस की बहुत – बहुत बधाई देता हूं। मैं जब भी यहां आता हूं तो ऐसा लगता है अपनों के बीच आया हूं। यहीं मिट्टी, हवा और पानी में अपनेपन का अहसास है। यहां की मिट्टी में हमारे पूर्वजों का खून और पसीना मिला हुआ है।’

‘1998 में अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन के लिए मॉरीशस आया’

पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे याद है, साल 1998 में अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन के लिए मुझे यहां आने का अवसर मिला था। तब मैं किसी सरकारी पद पर भी नहीं था। एक सामान्य कार्यकर्ता के रुपए में यहां आया था। संयोग देखिए कि नवीन जी उस समय भी प्रधानमंत्री थे। अब जब मैं प्रधानमंत्री बना तो नवीन जी मेरे शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने दिल्ली आए थे। प्रभु राम और रामायण के प्रति जो आस्था, जो भावना मैंने जो सालों पहले महसूस की थी, वह आज भी अनुभव करता हूं।’

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दिन मॉरीशस ने आधे दिन की छुट्टी की

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हमारे पूर्वज भारत के विभिन्न क्षेत्रों से यहां लाए गए थे। जब हम भाषा, बोली और खानपान की आदतों में विविधता पर विचार करते हैं, तो यह स्थान वास्तव में एक छोटा हिन्दुस्तान, एक लघु भारत का प्रतिनिधित्व करता है। जब अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हुआ, हमारा 500 साल का इंतजार खत्म हुआ, तो भारत में जो उत्साह और उत्सव था, यहां मॉरीशस में भी उतना ही बड़ा महोत्सव हमने देखा। उस दौरान मॉरीशस ने आधे दिन की छुट्टी भी घोषित की थी। भारत और मॉरीशस के बीच आस्था का ये संबंध हमारी मित्रता का बहुत बड़ा आधार है।’

जो नहीं जा पाया, उनके लिए महाकुम्भ के उसी समय का पवित्र जल’

पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘मैं जानता हूं कि मॉरीशस के अनेक परिवार अभी-अभी महाकुम्भ में भी होकर आए हैं। दुनिया को आश्चर्य हो रहा है कि मानव इतिहास का, विश्व का, ये सबसे बड़ा समागम था और उसमें मॉरीशस के लोग भी गए थे। लेकिन मुझे ये भी पता है कि मॉरीशस के मेरे अनेक परिवारजन चाहते हुए भी एकता के इस महाकुम्भ में नहीं जा पाए। मुझे आपकी भावनाओं का ध्यान है, इसलिए मैं आपके लिए पवित्र संगम का और महाकुम्भ के उसी समय का पवित्र जल साथ लेकर आया हूं। इस पवित्र जल को कल गंगा तालाब को अर्पित किया जाएगा। मेरी प्रार्थना है कि मां गंगा की कृपा से मॉरीशस समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छुए।’

हमारे लिए मॉरीशस एक परिवार’

उन्होंने कहा, ‘मॉरीशस में प्रवासी भारतीयों की सातवीं पीढ़ी को ओसीआई (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) कार्ड की पात्रता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। मुझे मॉरीशस के राष्ट्रपति और उनकी पत्नी को ओसीआई कार्ड प्रदान करने का सौभाग्य मिला। साथ ही मुझे मॉरीशस के प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी को भी यह सम्मान प्रदान करते हुए खुशी हो रही है। मॉरीशस सिर्फ एक साझेदार देश नहीं है। हमारे लिए मॉरीशस एक परिवार है। यह भारत और ग्लोबल साउथ के बीच एक सेतु है। यह रिश्ता इतिहास, विरासत और मानवीय भावना में गहरा और मजबूत है।’

मखाना दुनियाभर में स्नैक्स मैन्यू का होगा हिस्सा

पीएम मोदी ने बिहार का जिक्र करते हुए कहा, ‘बिहार के साथ आपका भावुक संबंध भी मैं समझता हूं। दुनिया के अनेक हिस्से जब पढ़ाई-लिखाई से कोसों दूर थे, तब नालंदा जैसा ग्लोबल इंस्टीट्यूट भारत में था, बिहार में था। हमारी सरकार ने फिर से नालंदा यूनिवर्सिटी को और नालंदा स्पिरिट को रिवाइव किया है। बिहार का मखाना, ये आज भारत में बहुत चर्चा में है। आप देखेंगे कि वो दिन दूर नहीं, बिहार का ये मखाना, दुनियाभर में स्नैक्स मैन्यू का हिस्सा होगा।’

भारत हमेशा मॉरीशस के साथ खड़ा

उन्होंने कहा, ‘संकट के समय में भारत हमेशा मॉरीशस के साथ खड़ा रहा है। कोविड-19 के दौरान, भारत एक लाख वैक्सीन और जरूरी दवाइयां पहुंचाने वाला पहला देश था। जब मॉरीशस संकट का सामना करता है, तो भारत सबसे पहले मदद के लिए आगे आता है। जब मॉरीशस समृद्ध होता है तो भारत सबसे पहले जश्न मनाता है। जैसा कि मैंने पहले कहा कि हमारे लिए मॉरीशस एक परिवार है।’

12 मार्च दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण दिन

पीएम मोदी ने कहा, ‘पिछले वर्ष मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस पर भारत के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे, जो भारत और मॉरीशस के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाता है। 12 मार्च को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मुझे चुनना दोनों देशों के साझा इतिहास को भी दर्शाता है। यह तारीख इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन महात्मा गांधी ने उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ दांडी सत्याग्रह शुरू किया था।’

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