पीएम मोदी बोले – भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौते से द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा आएगी
मस्कट, 18 दिसम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी तीन दिवसीय विदेश यात्रा के तीसरे व अंतिम चरण में गुरुवार को यहां आयोजित ‘भारत-ओमान व्यापार शिखर सम्मेलन’ में दोनों देशों के हुए बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के बाद कहा कि यह द्विपक्षीय संबंधों को नया विश्वास एवं ऊर्जा प्रदान करेगा और दोनों देशों में वृद्धि के अवसर भी पैदा करेगा।
मांडवी से मस्कट तक सदियों पुराने समुद्री व्यापारिक संबंधों का उल्लेख किया
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में मांडवी से मस्कट तक दोनों देशों के बीच सदियों पुराने समुद्री व्यापारिक संबंधों का उल्लेख किया, जो वर्तमान समय में जीवंत वाणिज्यिक आदान-प्रदान की आधारशिला हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के 70 वर्ष पुराने कूटनीतिक संबंध सदियों से निर्मित विश्वास और मित्रता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
Speaking at the India-Oman Business Summit in Muscat. This forum will infuse new energy into our business ties and unlock growth opportunities.
https://t.co/BRkC1MySbA— Narendra Modi (@narendramodi) December 18, 2025
CEPA से भारत के 98% निर्यात को ओमान में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी
दो दिवसीय ओमान दौरे के अंतिम दिन पीएम मोदी की मौजूदगी में भारत और ओमान के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत वस्त्र, कृषि उत्पाद तथा चमड़े के सामान सहित भारत के 98 प्रतिशत निर्यात को ओमान में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी। इसे आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) कहा गया है।
‘हमारी साझेदारी को 21वीं सदी में नया विश्वास एवं नई ऊर्जा मिलेगी’
सीईपीए को भारत-ओमान के साझा भविष्य की रूपरेखा करार देते हुए प्रधानमंत्री ने व्यापार जगत के लोगों से इस समझौते की पूरी क्षमता का लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘आज हम एक ऐसा ऐतिहासिक निर्णय ले रहे हैं, जिसकी गूंज आने वाले कई दशकों तक सुनाई देगी। व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) हमारी साझेदारी को 21वीं सदी में नया विश्वास एवं नई ऊर्जा प्रदान करेगा। यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार को नई गति देगा, निवेश में नया विश्वास उत्पन्न करेगा और हर क्षेत्र में अवसरों के नए द्वार खोलेगा।’

पिछले 11 वर्षों में भारत ने अपने आर्थिक स्वरूप को भी बदल दिया
पीएम मोदी ने पिछले 11 वर्षों में भारत की आर्थिक सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि अगली पीढ़ी के सुधारों, नीतिगत स्थिरता, सुशासन एवं निवेशकों के उच्च विश्वास के दम पर देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर है। उन्होंने कहा, ‘भारत ने पिछले 11 वर्षों में न केवल नीतियों में बदलाव किया है बल्कि अपने आर्थिक स्वरूप को भी बदल दिया है।’
भारत अपने मित्रों को भी अपने विकास में भागीदार बनाता है
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में पिछली तिमाही में भारत की आठ प्रतिशत से अधिक की उच्च वृद्धि इसकी मजबूत प्रकृति और अंतर्निहित शक्तियों को उजागर करती है। उन्होंने कहा, ‘भारत की प्रगति हमेशा से साझा प्रगति की कहानी रही है। भारत जब आगे बढ़ता है तो वह अपने मित्रों को भी अपने विकास में भागीदार बनाता है। हम आज भी यही कर रहे हैं।’ उन्होंने साथ ही कहा कि भारत की वृद्धि की यात्रा में ओमान के लिए पर्याप्त अवसर मौजूद हैं।
At the Business Forum in Muscat this morning, which was attended by industry representatives from India as well as Oman, highlighted the rich potential to deepen economic linkages. Also invited businesses from Oman to invest and innovate in India. pic.twitter.com/g7sRehMwZM
— Narendra Modi (@narendramodi) December 18, 2025
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे, लॉजिस्टिक, संपर्क, विश्वसनीय आपूर्ति शृंखलाओं, विनिर्माण क्षमताओं और हरित विकास को विकसित करने के लिए तेजी से और बड़े पैमाने पर काम कर रहा है ताकि ‘जीवन की सुगमता’ एवं ‘कारोबार की सुगमता’ को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने हाल के वर्षों में भारत द्वारा लागू किए गए सुधारों का भी उल्लेख किया, जिनमें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) शामिल हैं।
ओमान की कम्पनियों को विभिन्न क्षेत्रों में अवसरों का पता लगाने के लिए आमंत्रित किया
इस अवसर पर पीएम मोदी ने ओमान की कम्पनियों को ऊर्जा, तेल एवं गैस, पेट्रोरसायन और उर्वरकों के पारंपरिक क्षेत्रों से परे देखने और हरित ऊर्जा, सौर पार्क, ऊर्जा भंडारण, स्मार्ट ग्रिड, कृषि-प्रौद्योगिकी, वित्तीय प्रौद्योगिकी, कृत्रिम मेधा (एआई) और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में अवसरों का पता लगाने के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने व्यापार साझेदारी को भविष्य के लिए तैयार करने हेतु भारत-ओमान कृषि नवाचार केंद्र और भारत-ओमान नवाचार सेतु के गठन का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये मात्र विचार नहीं हैं बल्कि निवेश करने, नवाचार करने और मिलकर भविष्य का निर्माण करने का निमंत्रण है।
