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प्रयागराज में बोले पीएम मोदी – ‘महाकुम्भ एकता का महाकुम्भ है, जो दुनिया को संदेश देगा’

प्रयागराज में बोले पीएम मोदी – ‘महाकुम्भ एकता का महाकुम्भ है, जो दुनिया को संदेश देगा’

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प्रयागराज, 13 दिसम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में अगले माह यहां विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम के रूप में लगने वाले महाकुम्भ 2025 की सफलता के लिए कुम्भ कलश का पूजन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने महाकुम्भ 2025 के लिए विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया और अपने उद्बोधन में कहा कि महाकुम्भ एकता का महाकुम्भ है, जो दुनिया को संदेश देगा।

5500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं किया शुभारंभ

पीएम मोदी ने हनुमान मंदिर कॉरिडोर, भरद्वाज आश्रम कॉरिडोर, श्रृंगवेरपुर कॉरिडोर सहित 5500 करोड़ की परियोजनाओं के लोकार्पण किया। इनमें प्रयागराज में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 10 नए रोड ओवर ब्रिज या फ्लाईओवर, स्थायी घाट और रिवरफ्रंट सड़कें जैसी विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाएं शामिल हैं।

संगम की भूमि को प्रणाम, प्रयागराज में रचा जा रहा नया इतिहास

पीएम मोदी ने संगम को प्रणाम करते हुए कहा कि यहां दिन रात काम कर रहे कर्मचारियों और सफाई कर्मियों का अभिनंदन करता हूं। विश्व का इतना बड़ा आयोजन, हर रोज लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत और सेवा की तैयारी, लगातार 45 दिनों तक चलने वाला महायज्ञ, एक नया महानगर बसाने का महाभियान, प्रयागराज की धरती पर नया इतिहास रचा जा रहा है।

हमारा देश पवित्र स्थलों और तीर्थों का देश

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये एकता का ऐसा महायज्ञ होगा, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी। मैं इस आयोजन की भव्य और दिव्य सफलता की आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं। हमारा भारत पवित्र स्थलों और तीर्थों का देश है। ये गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी और नर्मदा जैसी अनगिनत पवित्र नदियों का देश है। इन नदियों के प्रवाह की जो पवित्रता है, इन अनेकानेक तीर्थों का जो महत्व है, जो महात्म्य है, उनका संगम, उनका समुच्चय, उनका योग, उनका संयोग, उनका प्रभाव, उनका प्रताप ये प्रयाग है। प्रयाग वो है, जहां पग-पग पर पवित्र स्थान हैं, जहां पग-पग पर पुण्य क्षेत्र हैं।’

माघ मकरगत रबि जब होई। तीरथपतिहिं आव सब कोई

प्रधानमंत्री ने संगम पर लगने वाले माघ मेले के महात्म्य का बखान करते हुए कहा, “ये केवल तीन पवित्र नदियों का ही संगम नहीं है। प्रयाग के बारे में कहा गया है – ‘माघ मकरगत रबि जब होई। तीरथपतिहिं आव सब कोई।’ अर्थात जब सूर्य मकर में प्रवेश करते हैं, सभी दैवीय शक्तियां, सभी तीर्थ, सभी ऋषि, महाऋषि प्रयाग में आ जाते हैं। ये वो स्थान है, जिसके प्रभाव के बिना पुराण पूरे नहीं होते। प्रयागराज वो स्थान है, जिसकी प्रशंसा वेद की ऋचाओं में की गई है।

‘महाकुम्भ, एकता का महायज्ञ..इसमें हर भेदभाव की दी जाती आहुति

पीएम मोदी ने कहा, “महाकुम्भ हजारों वर्ष पहले से चली आ रही हमारे देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक यात्रा का पुण्य और जीवंत प्रतीक है। एक ऐसा आयोजन है, जहां हर बार धर्म, ज्ञान, भक्ति और कला का दिव्य समागम होता है। किसी बाहरी व्यवस्था के बजाय कुम्भ, मनुष्य के अंतर्मन की चेतना का नाम है। ये चेतना स्वतः जागृत होती है। यही चेतना भारत के कोने-कोने से लोगों को संगम के तट तक खींच लाती है। इसलिए मैं फिर एक बार कहता हूं कि ये महाकुंभ, एकता का महायज्ञ है…जिसमें हर तरह के भेदभाव का आहुति दी जाती है। यहां संगम में डुबकी लगाने वाला हर भारतीय ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की अद्भुत तस्वीर प्रस्तुत करता है। महाकुम्भ से सामाजिक मजबूती तो मिलेगी ही, साथ ही लोगों का आर्थिक सशक्तिकरण भी होगा।’

15 हजार से ज्यादा सफाईकर्मी संभालेंगे स्वच्छता व्यवस्था की जिम्मेदारी

उन्होंने कहा, ‘ महाकुम्भ के दौरान गांवों, कस्बों, शहरों से लोग प्रयागराज की ओर निकल पड़ते हैं। सामूहिकता की ऐसी शक्ति, ऐसा समागम शायद ही कहीं ओर देखने को मिले। यहां आकर संत-महंत, ऋषि-मुनि, ज्ञानी-विद्वान, सामान्य मानवी सब एक हो जाते हैं, सब एक साथ त्रिवेणी में डुबकी लगाते हैं। यहां जातियों का भेद खत्म हो जाता है, सम्प्रदायों का टकराव मिट जाता है। करोड़ों लोग एक ध्येय, एक विचार से जुड़ जाते हैं। कुम्भ जैसे भव्य और दिव्य आयोजन को सफल बनाने में स्वच्छता की बहुत बड़ी भूमिका है। महाकुम्भ की तैयारियों के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाया गया है, प्रयागराज शहर के सैनिटेशन और वेस्ट मैनेजमेंट पर फोकस किया गया है। लोगों को जागरूक करने के लिए गंगादूत, गंगा प्रहरी और गंगा मित्रों की नियुक्ति की गई है। इस बार 15 हजार से ज्यादा मेरे सफाईकर्मी भाई-बहन कुंभ की स्वच्छता को संभालने वाले हैं। मैं आज कुम्भ की तैयारी में जुटे अपने सफाईकर्मी भाई-बहनों का अग्रिम आभार भी व्यक्त करता हूं।’

पीएम मोदी की प्रेरणा से हो रहा दिव्य कुम्भ व डिजिटल कुम्भ – सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी हैं। पीएम मोदी की मौजूदगी में यमुना, गंगा और सरस्वती की त्रिवेणी में पूजा अनुष्ठान के बाद महाकुम्भ का शुभारंभ हुआ है। सीएम योगी ने कहा कि 2019 में पीएम मोदी की प्रेरणा से ही अक्षय वट के दर्शन हुए थे। इस महाकुम्भ में अक्षय वट कॉरिडोर का निर्माण हो गया है। श्री बड़े हनुमान जी मंदिर कॉरिडोर का भी निर्माण होगा। पहली बार सरस्वती कूप कॉरिडोर का भी लोकार्पण होगा।

उन्होंने कहा कि श्रृंगवेपुर में 56 फुट ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण, महर्षि भरद्वाज आश्रम कॉरिडोर का भी लोकार्पण होगा। कुम्भ भव्य भी हो, दिव्य हो, स्वच्छ और सुव्यवस्थित हो..यह पीएम मोदी की प्रेरणा से हो रहा है। इस बार दिव्य कुम्भ और डिजिटल कुम्भ भी पीएम मोदी की प्रेरणा से हो रहा है।

श्री बड़े हनुमानजी का दर्शन पूजन, महाकुम्भ प्रदर्शनी का अवलोकन

इसके पूर्व पीएम मोदी ने श्री बड़े हनुमानजी का दर्शन पूजन किया और फिर संगम नोज पर बने पंडाल में पहुंचे, जहां उन्होंने महाकुम्भ प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी के अवलोकन के पश्चात पीएम मोदी किला में स्थित सरस्वती कूप पहुंचे, जहां उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कूप व मां सरस्वती की पूजा अर्चना की और पंचामृत का अर्पण किया।

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