बिहार विधानसभा परिसर में बोले पीएम मोदी – शताब्दी स्मृति स्तंभ गौरवशाली अतीत का प्रतीक बनेगा
पटना, 12 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह के समापन समारोह के अवसर पर मंगलवार को यहां बिहार विधानसभा संग्रहालय भवन और अतिथिशाला का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शताब्दी स्मृति स्तंभ बिहार के गौरवशाली अतीत का प्रतीक तो बनेगा ही, साथ ही ये बिहार की कोटि-कोटि आकांक्षाओं को भी प्रेरणा देगा।
‘इस परिसर में आने वाला पहला पीएम होने पर सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं‘
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘बिहार विधानसभा परिसर में आने वाला पहला प्रधानमंत्री होने पर सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। बिहार को लोग हर मामले में आगे हैं। बिहार का ये स्वभाव है कि जो बिहार से स्नेह करता है, बिहार उसे वो प्यार कई गुना करके लौटाता है। आज मुझे बिहार विधानसभा परिसर में आने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री होने का सौभाग्य भी मिला है। मैं इस स्नेह के लिए बिहार के जन-जन को हृदय से नमन करता हूं।’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘आज इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री उपस्थित हुए हैं तो हम सब उनके प्रति सम्मान प्रकट करते हैं। पहली बार बिहार विधानसभा के परिसर में कोई प्रधानमंत्री आए हैं तो यह कोई मामूली बात नहीं है।’
‘इस विधानसभा भवन में एक से एक, बड़े और साहसिक निर्णय लिए गए हैं‘
पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत में लोकतंत्र की अवधारणा उतनी ही प्राचीन है, जितना प्राचीन ये राष्ट्र है, जितनी प्राचीन हमारी संस्कृति है। बिहार विधानसभा का अपना एक इतिहास रहा है और यहां विधानसभा भवन में एक से एक, बड़े और साहसिक निर्णय लिए गए हैं।’
उन्होंने कहा, ‘आजादी के पहले इसी विधानसभा से गवर्नर सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा जी ने स्वदेशी उद्योगों को प्रोत्साहित करने, स्वदेशी चरखा को अपनाने की अपील की थी। आजादी के बाद इसी विधानसभा में जमींदारी उन्मूलन अधिनियम पास हुआ। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, नीतीश जी की सरकार ने बिहार पंचायती राज जैसे अधिनियम को पास किया। इस अधिनियम के जरिए बिहार पहला ऐसा राज्य बना, जिसने पंचायती राज में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘देश के सांसद के रूप में, राज्य के विधायक के रूप में हमारी यह भी जिम्मेदारी है कि हम लोकतंत्र के सामने आ रही हर चुनौती को मिलकर हराएं। पक्ष विपक्ष के भेद से ऊपर उठकर, देश के लिए, देशहित के लिए हमारी आवाज एकजुट होनी चाहिए।’
संविधान कुचलने के प्रयास के खिलाफ बिहार ने सबसे विरोध का बिगुल फूंका
पीएम ने कहा कि बिहार ने आजाद भारत को डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद के रूप में पहला राष्ट्रपति दिया। लोकनायक जयप्रकाश, कर्पूरी ठाकुर और बाबू जगजीवन राम जैसे नेतृत्व इस धरती पर हुए। जब देश में संविधान को कुचलने का प्रयास हुआ तो भी उसके खिलाफ बिहार ने सबसे आगे आकर विरोध का बिगुल फूंका।’