
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत में बहुप्रतीक्षित 5जी सर्विस लॉन्च कर दी। उन्होंने साथ ही प्रगति मैदान में आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022 के छठे संस्करण का भी उद्घाटन किया।
फिलहाल कुछ चुनिंदा शहरों में 5जी सर्विस की शुरुआत की गई है और अगले कुछ वर्षों में क्रमिक रूप से पूरे देश में इसका विस्तार किया जाएगा। 5जी का भारत पर कुल आर्थिक प्रभाव 2035 तक 450 अरब अमेरिकी डॉलर तक होने का अनुमान है।
उल्लेखनीय है कि 4जी की तुलना में 5जी नेटवर्क कई गुना तेज गति देता है और बाधा रहित संपर्क मुहैया कराता है और अरबों जुड़े डिवाइसों को वास्तविक समय में डेटा साझा करने में सक्षम बनाता है। देश की अबतक की सबसे बड़ी दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी में रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपए की बोलियां प्राप्त हुई थीं।
बोली में उद्योगपति मुकेश अंबानी की जियो ने 87,946.93 करोड़ रुपये की बोली के साथ बेचे गए सभी स्पेक्ट्रम का लगभग आधा हिस्सा हासिल किया। भारत के सबसे धनी व्यक्ति गौतम अडाणी के समूह ने 400 मेगाहर्ट्ज के लिए 211.86 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। वहीं, सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल ने 43,039.63 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई जबकि वोडाफोन-आइडिया ने 18,786.25 करोड़ रुपए में स्पेक्ट्रम खरीदा है।
दूरसंचार कंपनियों के जल्द से जल्द 5जी सेवा चालू करने की तैयारियों में जुटने से भारत आने वाले वक्त में बेहतर डेटा स्पीड और रुकावट मुक्त वीडियो के लिए तैयार हो रहा है। इन सेवाओं के आने के बाद लोगों को स्मार्ट एंबुलेंस से लेकर क्लाउड गेमिंग तक सब कुछ मिलेगा। यहां तक कि खरीदारी के दौरान ग्राहकों को एकदम नए तरह के अनुभव भी हो सकते हैं।
पांचवीं पीढ़ी यानी 5जी दूरसंचार सेवाओं के जरिये कुछ ही सेकंड में मोबाइल और अन्य उपकरणों पर उच्च-गुणवत्ता वाले लंबी अवधि के वीडियो या फिल्म को डाउनलोड किया जा सकता है। यह एक वर्ग किलोमीटर में करीब एक लाख संचार उपकरणों को समर्थन करेगा। यह सेवा सुपरफास्ट स्पीड (4जी से लगभग 10 गुना तेज), संपर्क में होने वाली देरी में कटौती और अरबों संबद्ध उपकरणों को वास्तविक समय में डेटा साझा करने में सक्षम बनाती है। इसके जरिये 3डी होलोग्राम कॉलिंग, मेटावर्स अनुभव और शैक्षिक अनुप्रयोगों को नए सिरे से परिभाषित किया जा सकता है।