पीएम मोदी तियानजिन पहुंचे, SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, 7 वर्षों में पहली चीन यात्रा
तियानजिन (चीन), 30 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चीन के तियानजिन पहुंचे। चीन के उद्योग एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ली लेचेंग, तियानजिन सरकार के निदेशक यू यूनलिन और चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने हवाई अड्डे पर रेड कार्पेट बिछाकर पीएम मोदी का स्वागत किया। बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग तिरंगा लहराते और भारत माता की जय के नारे लगाते दिखाई दिए। हवाई अड्डे से होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने पूरे जोश-खरोश के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया।
China’s Indian community accorded a very special welcome in Tianjin. Here are some glimpses. pic.twitter.com/PzAV517ewF
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2025
पीएम मोदी तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘चीन के तियानजिन पहुंच गया हूं। एससीओ शिखर सम्मेलन में विचार-विमर्श और विभिन्न विश्व नेताओं से मुलाकात के लिए उत्सुक हूं।’
Landed in Tianjin, China. Looking forward to deliberations at the SCO Summit and meeting various world leaders. pic.twitter.com/gBcEYYNMFO
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2025
एससीओ शिखर सम्मेलन यहां रविवार 31 अगस्त से एक सितम्बर तक आयोजित किया जा रहा है। यह पिछले सात वर्षों में पीएम मोदी की पहली चीन यात्रा है। साथ ही जून, 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुए टकराव के बाद पहली यात्रा है।
इससे पहले, दो देशों की यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने प्रस्थान वक्तव्य में कहा था, ‘मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करूंगा। भारत एससीओ का एक सक्रिय और रचनात्मक सदस्य है। अपनी अध्यक्षता के दौरान, हमने नवाचार, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में नए विचार प्रस्तुत किए हैं और सहयोग की पहल की है।’
पीएम मोदी ने कहा था कि भारत ‘साझा चुनौतियों का समाधान करने और क्षेत्रीय सहयोग को गहरा करने के लिए एससीओ सदस्यों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग, राष्ट्रपति पुतिन और अन्य नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं।’
वहीं, दोनों नेताओं ने 2024 में रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर एक बैठक की थी। द्विपक्षीय वार्ता में सफलता तब संभव हुई. जब भारत और चीन ने चार साल से चल रहे सीमा टकराव को समाप्त करने के लिए लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी पर गश्त करने पर एक समझौता किया।
SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है
SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 15 जून, 2001 को शंघाई में हुई थी। भारत 2017 से एससीओ का सदस्य है। एससीओ के सदस्य देश हैं – चीन, रूस, भारत, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस।
इसके अलावा, एससीओ में दो पर्यवेक्षक देश – अफगानिस्तान और मंगोलिया और 14 संवाद साझेदार हैं, जिनमें तुर्की, कुवैत, अजरबैजान, आर्मेनिया, कंबोडिया और नेपाल, श्रीलंका, सऊदी अरब, मिस्र, कतर, बहरीन, मालदीव, म्यांमार और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।
