मथुरा, 17 मई। वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के कोर्ट सर्वे के बाद अब श्रीकृष्ण नगरी मथुरा में भी विवादित ईदगाह मस्जिद परिसर को सील करने के लिए मथुरा की कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।
महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका पर अभी कोई फैसला नहीं
याचिकाकर्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी याचिका में कोर्ट से अपील की है कि अगर वक्त रहते विवादित ईदगाह मस्जिद परिसर को सील नहीं किया गया तो गर्भगृह और साथ में मंदिर के पुरातात्विक अवशेष को क्षतिग्रस्त किया जा सकता है अथवा फिर उन्हें वहां से हटाया जा सकता है। फिलहाल इस याचिका की सुनवाई होगी अथवा नहीं, इस बाबत मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
याचिकाकर्ता की आशंका – गर्भगृह और पुरातात्विक अवशेष क्षतिग्रस्त किए जा सकते हैं
महेंद्र प्रताप सिंह ने याचिका में कहा, ‘ज्ञानवापी मस्जिद में जिस तरह से शिवलिंग के अवशेष मिले हैं, उससे स्थिति स्पष्ट हो गई कि वहां मुस्लिम पक्ष शुरू से ही इसी कारण विरोध कर रहे थे। लगभग वैसी ही स्थिति श्रीकृष्ण जन्मभूमि की है, जहां असली गर्भगृह है। वहां पर सभी हिन्दू धार्मिक अवशेषों – जैसे कमल, शेषनाग, ऊं, स्वास्तिक आदि हिन्दू धार्मिक चिन्हों और अवशेषों को मिटा दिया गया है।’
याचिका में आगे कहा गया है, ‘अगर हिन्दू अवशेषों को मिटा दिया तो करेक्टर ऑफ प्रॉपर्टी चेंज हो जाएगा और वादी वहां भी प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का हवाला देते हुए अपना हक जताएंगे। ऐसी स्थिति में मथुरा की ईदगाह मस्जिद में आना-जाना प्रतिबंधित करके परिसर की उचित सुरक्षा की जाए या फिर पूरे परिसर को सील कर दिया जाए।’
इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने मांग की कि मथुरा के शाही ईदगाह (जहां भगवान कृष्ण के मंदिर का मूल गर्भ गृह है) को सील करें और परिसर के लिए सुरक्षाधिकारी नियुक्त करें। इसके साथ ही प्रशासन को आदेश दिया जाए कि ईदगाह मस्जिद में मौजूद प्राचीन हिन्दू धार्मिक चिह्नों, स्वास्तिक, कमल, ऊं और अन्य कलाकृतियों को नष्ट होने से बचाएं।