1. Home
  2. हिन्दी
  3. खेल
  4. टोक्यो पैरालंपिक : फाइनल में प्रवेश के बाद बोलीं भाविनाबेन – मैं खुद को दिव्यांग नहीं मानती
टोक्यो पैरालंपिक : फाइनल में प्रवेश के बाद बोलीं भाविनाबेन – मैं खुद को दिव्यांग नहीं मानती

टोक्यो पैरालंपिक : फाइनल में प्रवेश के बाद बोलीं भाविनाबेन – मैं खुद को दिव्यांग नहीं मानती

0
Social Share

टोक्यो, 28 अगस्त। टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने की दहलीज पर खड़ीं पैडलर भाविनाबेन पटेल का कहना है कि वह खुद को दिव्यांग नहीं मानती और टोक्यो खेलों में उनके प्रदर्शन ने साबित कर दिया कि कुछ भी असंभव नहीं है।

चीनी खिलाड़ी झांग मियाओ को पांच गेमों तक खिंचे संघर्ष में 3-2 से हराकर टेबल टेनिस के फाइनल में पहुंची पहली भारतीय खिलाड़ी भाविना ने कहा, ‘मैं खुद को दिव्यांग नहीं मानती, मुझे हमेशा से यकीन था कि मैं कुछ भी कर सकती हूं। मैंने साबित कर दिया कि हम किसी से कम नहीं हैं और पैरा टेबल टेनिस भी दूसरे खेलों से पीछे नहीं है।’

12 माह की उम्र में पोलियो की शिकार हुईं 34 वर्षीया भाविना ने कहा, ‘मैंने चीन के खिलाफ खेला है और यह हमेशा कहा जाता है कि चीन को हराना आसान नहीं होता है, मैंने आज साबित कर दिया कि कुछ भी असंभव नहीं है, हम कुछ भी कर सकते हैं। इस समय मैं अपना 100 फीसदी दे रही हूं और मैं फाइनल के लिए मानसिक रूप से तैयार हूं।’

भाविना ने कहा कि खेल के मानसिक पहलू पर फोकस करने से उन्हें मैच के दौरान मदद मिली। उन्होंने कहा, ‘मेरा दिन भोर में चार बजे शुरू हो जाता है और मैं ध्यान तथा योग के जरिए मानसिक एकाग्रता लाने का प्रयास करती हूं। मैचों के दौरान कई बार हम जल्दबाजी में गलतियां करते हैं और अंक गंवा देते हैं, लेकिन मैने अपने विचारों पर नियंत्रण रखा।’

उन्होंने कहा, ‘मैं अपने कोचों को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने मुझे तकनीक सिखाई। उनकी वजह से ही मैं यहां तक पहुंच सकी। भारतीय खेल प्राधिकरण, टॉप्स, पीसीआई, सरकार, ओजीक्यू, नेत्रहीन जन संघ और मेरे परिवार को भी मैं धन्यवाद देती हूं।’

महिलाएं रच रही हैं इतिहास : दीपा मलिक 

इस बीच भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक ने भाविनाबेन को फाइनल में प्रवेश पर बधाई देते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। दीपा ने कहा, ‘भाविना ने बहुत ही शानदार खेल दिखाया। देश के  उसपर बहुत गर्व है। यह टेबल टेनिस में भारत के लिए पहला पदक, पैरालिंपिक में और टोक्यो पैरालिंपिक में देश का पहला पदक होगा। उसे बधाई, मैं बहुत खुश हूं। महिलाएं इतिहास रच रही हैं।

दीपा ने कहा, ‘भाविना की प्रतिद्वंदी टॉप-3 खिलाड़ियों में थी और भावना 2 वर्ष पहले उसके खिलाफ एक मैच हार गई थी। उसने आज अपनी हार को जीत में बदल दिया है और अपने पदक के रंग भी बदल लिए हैं। हम फाइनल में उसके मैच को लेकर उत्साहित हैं।’

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code