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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ बोले – ‘हम एक दिवालिया मुल्क में रह रहे’

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ बोले – ‘हम एक दिवालिया मुल्क में रह रहे’

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सियालकोट, 18 फरवरी। आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान क्या सच में कंगाल हो चुका है? यह सवाल उठ रहा है, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के उस वीडियो को सामने आने के बाद, जिसमें वह कहते दिखाई दे रहे हैं कि पाकिस्तान दिवालिया हो चुका है।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने यह दावा सियालकोट में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किया। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान पहले ही दिवालिया हो चुका है और हम एक दिवालिया मुल्क में रह रहे हैं।’

एआरवाई न्यूज के अनुसार ख्वाजा आसिफ ने कहा, आपने लोगों को बात करते हुए सुना होगा कि पाकिस्तान दिवालिया हो चुका है। इकोनॉमिक मेल्टडाउन हो रहा है। यह हो नहीं रहा है बल्कि ऐसा हो चुका है। हम एक दिवालिया मुल्क में रह रहे हैं।’

अपने भाषण के दौरान पाकिस्तानी रक्षामंत्री ने देश को आर्थिक संकट से उबारने का उपाय भी सुझाया।

पाकिस्तान अपने दो गोल्फ क्लब बेच दे तो एक चौथाई कर्ज चुका देगा

अपने भाषण के दौरान पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने देश को आर्थिक संकट से उबारने का उपाय भी सुझाया। ख्वाजा आसिफ ने कहा कि 1500 एकड़ सरकारी जमीन पर गोल्फ क्लब बनाए गए थे। अब अगर पाकिस्तान अपने दो गोल्फ क्लब को भी बेच देता है तो वह अपना एक चौथाई कर्ज चुका देगा। ख्वाजा आसिफ यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, ‘देश की सभी समस्याओं का हल अपने ही देश में हैं। लेकिन समाधान के लिए हम लोग अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की तरफ देख रहे हैं।’

भड़का विपक्ष

वहीं, ख्वाजा आसिफ के इस बयान के बाद विपक्ष ने सरकार की आलोचना भी शुरू कर दी है। पीटीआई के नेता फवाद चौधरी और शिरीन मजारी ने रक्षामंत्री को आड़े हाथों लिया है। मजारी ने लिखा कि आयातित सरकार के रक्षा मंत्री कह रहे हैं कि पाकिस्तान पहले ही दिवालिया हो चुका है। महज 10 महीने में इन लोगों ने पाकिस्तान को इस हाल में पहुंचा दिया।

आईएमएफ पर टिकी है पाकिस्तान की नजर

गौरतलब है कि पाकिस्तान लगातार आर्थिक चुनौती का सामना कर रहा है। इस बीच उसकी उम्मीदें आईएमएफ से मिलने वाले कर्ज पर टिकी हुई हैं। हालांकि, आईएमएफ ने भी कर्ज देने के लिए ढेर सारी शर्तें रख दी हैं। इन शर्तों में विभिन्न तरह के टैक्स को बढ़ाने के लिए भी कहा गया है। इनमें से कई शर्तों को पाकिस्तान ने लागू भी कर दिया है। वहीं, कुछ अन्य टैक्स बढ़ाने के लिए बुलाई गई सदन की बैठक बिना किसी फैसले के ही ठप हो गई। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बदलते हालात के बीच पाकिस्तान सरकार किस तरह का फैसला लेती है।

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