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वाराणसी : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में 31 दिसम्बर से 2 जनवरी तक सिर्फ झांकी दर्शन, गर्भगृह में प्रवेश पर रोक

वाराणसी : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में 31 दिसम्बर से 2 जनवरी तक सिर्फ झांकी दर्शन, गर्भगृह में प्रवेश पर रोक

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वाराणसी, 28 दिसम्बर। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में उमड़ रही जबर्दस्त भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नव वर्ष पर खास तैयारियां की जा रही हैं। हर श्रद्धालु को बाबा विश्वनाथ का आराम से दर्शन हो सके, इसके लिए तीन दिनों यानी 31 दिसम्बर से दो जनवरी तक गर्भगृह में प्रवेश और बाबा के स्पर्श दर्शन पर रोक रहेगी। यही नहीं, वीआईपी को भी बाहर से ही बाबा का दर्शन कराया जाएगा। पहली बार प्रशासन की कोशिश है कि सड़क पर लाइन न लगानी पड़े। मंदिर चौक में ही लोगों को बैरिकेडिंग के माध्यम से कतार में दर्शन की व्यवस्था होगी। इसका रिहर्सल भी 30 दिसम्बर को किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 13 दिसम्बर को श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकर्पण के बाद से बाबा का दर्शन करने वालों की भीड़ लगातार उमड़ रही है। पिछले वर्ष ही 31 दिसम्बर और एक जनवरी को सात लाख लोग मंदिर पहुंचे थे। इस बार 31 दिसम्बर और एक जनवरी को शनिवार और रविवार होने के कारण पिछली बार से भी ज्यादा भीड़ उमड़ने की संभावना है। इसी को देखते हुए तैयारियां की जा रही हैं।

वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा, ‘हम लोगों की कोशिश है कि सभी श्रद्धालुओं को आराम से बाबा का दर्शन हो जाए। भले ही लोग स्पर्श न कर सकें, लेकिन कम से कम दर्शन आराम से हो सके। इसी को देखते हुए चारों द्वारों पर इस तरह की व्यवस्था हो रही है कि श्रद्धालु आराम से बाबा को निहार सकें। कम समय में अधिक से अधिक लोग मंदिर में प्रवेश कर बाहर आ सकें। सड़क की बजाय मंदिर चौक में ही कतार की भी खास व्यवस्था हो रही है। 31 दिसम्बर और एक जनवरी के साथ ही दो जनवरी को सोमवार पड़ने के कारण स्पर्श दर्शन पर रोक रह सकती है।’

होटल, लाज फुल, विश्वनाथ मंदिर में आरती के टिकट भी बुक

नए वर्ष के स्वागत के लिए बनारस में देशभर से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचने वाले हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से धार्मिक पर्यटन पर काशी आने वाले लाखों लोग विश्वनाथ धाम सहित प्रमुख देवालयों में पूजा पाठ तो करेंगे। इसके साथ ही आलीशान होटलों में गाला डिनर में शामिल होकर पार्टी भी मनाएंगे। शहर के होटल, गेस्ट हाउस से लेकर मठ और आश्रम में बुकिंग फुल हो चुकी है। यही नहीं विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती ही नहीं सप्तर्षि आरती तक के टिकट अगले एक महीने तक फुल हो चुके हैं। ज्ञानवापी स्थित हेल्प डेस्क से आरतियों के टिकट की बुकिंग बंद है। सिर्फ सुगम दर्शन के टिकट ही काटे जा रहे हैं।

30 और 31 दिसम्बर को बनारस के होटलों, गेस्ट हाउस समेत लग्जरी कॉटेज और मैरिज लॉन के कमरे बुक हैं। सबसे ज्यादा पर्यटक दक्षिण भारत के राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक से आएंगे। गुजरात और महाराष्ट्र से भी काफी पर्यटक आएंगे। वाराणसी टूरिज्म गिल्ड के अध्यक्ष संदीप पटियाल, टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अभिषेक सिंह, कोषाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने कहा कि पिछले साल से अधिक मांग इस बार होटलों की है।

पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु के पर्यटक सबसे अधिक

पर्यटन उद्यमी विवेक राय के अनुसार होटल और ट्रैवल्स कारोबार में हुई कुल बुकिंग की 40 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी सिर्फ प.बंगाल व तमिलनाडु के पर्यटकों की है। इस 40 फीसदी में आधे से अधिक पर्यटक दक्षिण भारत के हैं। हनुमान घाट से मानसरोवर घाट के बीच दक्षिण भारतीयों के सभी मठों और आश्रमों में कमरों की बुकिंग आठ जनवरी तक फुल है।

क्रूज फुल, शाम के लिए नौकाएं बुक

गंगा घाटों का नजारा लेने को क्रूज के टिकट 3 जनवरी तक फुल हैं। जल्द ही जनवरी के पहले सप्ताह के टिकट फुल होने की संभावना है। 60 फीसदी नौकाओं की बुकिंग की गई है। विगत वर्षों में नौकाएं सुबह अधिक बुक थीं।

भीड़ प्रबंधन पर माथापच्ची

कोरोना की पुन दस्तक के मद्देनजर विश्वनाथ मंदिर प्रशासन भीड़ प्रबंधन पर सिरे से विचार कर रहा है। यदि कोरोना गाइड लाइंस जारी कर दी जाती हैं तो पूरे एहतियात के साथ लोगों के प्रवेश और निकास की क्या व्यवस्था हो, इसका खाका बनाया जा रहा है।

डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम ने बताया कि भीड़ नियंत्रण का खाका तैयार हो रहा है। घाट, धाम के लिए जाने वाले मार्गों, द्वार आदि को चार जोन और 15 सेक्टर में बांटकर ड्यूटी चार्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रमुख मार्गों पर बैरीकेडिंग होगी। 31 दिसम्बर से ही सूचना प्रसारण, खोया-पाया केंद्र, हेल्प डेस्क काम करने लगेंगे।

गंगा किनारे दैनिक आरतियों के स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं

गंगा किनारे दैनिक आरतियों के स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं होगा। अस्सी, केदारघाट, दशावमेध घाट, पंचगंगा घाट व भैसासुर घाट पर आरती स्थल व आसपास दीप सज्जा की जाएगी। दशाश्वमेध पर गंगा सेवा निधि की ओर से दीपों ने ‘स्वागतम् नववर्ष-2023’ दर्शाया जाएगा।

विमानों में भी जगह मिलना मुश्किल

मुंबई, दिल्ली आदि महानगरों से आने वाले यात्रियों से बाबतपुर एयरपोर्ट आने वाले विमान फुल हैं। टिकट के लिए दबाव बढ़ने पर बढ़े किराए के साथ अतिरिक्त विमान की व्यवस्था की तैयारी भी विमानन कम्पनियों ने की है। हैदराबाद से वाराणसी का किराया आठ से दस हजार रुपये, बेंगलुरु से बनारस का किराया 8,500 रुपये से 10,500 रुपये प्रति व्यक्ति तक है।

दक्षिण भारत से आने वाली ट्रेनें फुल, लम्बी वेटिंग

बाबा के दर्शन-पूजन को खासी संख्या में दक्षिण भारतीय आएंगे। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक से आने वाली ट्रेनों में लम्बी वेटिंग है। कैंट और बनारस स्टेशन पर आने वाली एर्नाकुलम-पटना, गंगा-कावेरी, रामेश्वरम्-बनारस, दानापुर-सिकंदराबाद, मैसूर-वाराणसी आदि में सभी श्रेणी के टिकट 10 जनवरी तक फुल हैं। इन ट्रेनों में 80 से 160 तक वेटिंग चल रही है।

31 दिसम्बर की रात गंगा में विशेष निगरानी

गंगा किनारे 31 दिसम्बर की रात से ही निगरानी बढ़ा दी जाएगी। जल पुलिस भ्रमण करती रहेगी। एनाउंसमेंट होती रहेगी। पहली जनवरी की सुबह से पुलिस की ओर से राजघाट, दशाश्वमेध व अस्सी पर हेल्प डेस्क लगाए जाएंगे। 31 दिसम्बर की रात से पहली जनवरी की रात तक विशेष निगरानी रहेगी। थानावार चेकिंग, सीमाओं पर बैरीकेडिंग कर पुलिस बल की तैनाती के अलावा क्यूआरटी गठित होगी। यह टीम सूचना पर मौके पर पहुंचेंगी।

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