
नई दिल्ली, 21 मार्च । केंद्र सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। दरअसल सरकार का मकसद वित्त वर्ष 2025-26 में 20 हजार करोड़ ट्रांजेक्शन को पूरा करना है। इसी सिलसिले में सरकार ने यूपीआई के लिए 1500 करोड़ रुपये के इंसेंटिव को भी मंजूरी दे दी है।
छोटे शहरों और गांवों तक यूपीआई को बढ़ावा देने का लक्ष्य
सरकार ने छोटे शहरों और गांवों तक यूपीआई को बढ़ावा देने का लक्ष्य तय किया है। इसलिए सरकार इंसेंटिव स्कीम लेकर आई है। छोटे और मझोले व्यापारियों की खुशी को देखते हुए विशेषज्ञों द्वारा माना जा रहा है कि सरकार की यह स्कीम कारगर साबित होगी।
दुकानदारों के लिए यूपीआई क्यों अहम ?
असल में दुकानदारों के लिए यूपीआई आसान, सुरक्षित और फास्ट पेमेंट सर्विस है। इसलिए दुकानदारों के लिए यूपीआई अहम साबित हो रहा है।
यूपीआई काम कैसे करता है ?
यूपीआई सर्विस के लिए एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस तैयार करना होता है। इसके बाद इसे बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा। बैंक अकाउंट से लिंक करने के बाद बैंक का नाम, आईएफएससी कोड याद रखने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि इसमें मोबाइल नंबर के हिसाब से पेमेंट करने वाला व्यक्ति पेमेंट रिक्वेस्ट प्रोसेस करता है।
यूपीआई से छोटे और मझोले व्यापारियों को कैसे होगा लाभ ?
यूपीआई को लेकर सरकार द्वारा लिए गए फैसले से छोटे और मझोले व्यापारियों को लाभ होगा। जी हां, इंसेंटिव स्कीम के जरिए 2000 रुपये तक के पर्सन टू मर्चेंट (P2M) ट्रांजेक्शन पर 0.15% इंसेटिंव मिलेगा। यह स्कीम 1 अप्रैल 2021 से लागू है। 2000 रुपये का सामान खरीदने पर दुकानदार को तीन रुपये का इंसेंटिव मिलेगा।