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ड्रोन के जरिए अब मिलिट्री स्टेशन को निशाना बनाने की कोशिश, सुरक्षा बलों ने की 25 राउंड फायरिंग

ड्रोन के जरिए अब मिलिट्री स्टेशन को निशाना बनाने की कोशिश, सुरक्षा बलों ने की 25 राउंड फायरिंग

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श्रीनगर, 28 जून। जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले के के 24 घंटे बाद ही आतंकियों ने एक बार फिर ड्रोन के जरिए सैन्य ठिकाने को निशाना बनाने की कोशिश की है। इस क्रम में जम्मू के कालूचक मिलिट्री स्टेशन पर रविवार/सोमवार की रात दो ड्रोन देखे गए। हालांकि, सेना सतर्क थी और ड्रोन दिखते ही जवानों ने उन पर 20 से 25 राउंड फायरिंग झोंक दी।

सेना के अनुसार पहला ड्रोन रविवार की रोत 11.45 बजे देखा गया और दूसरा ड्रोन मध्यरात्रि बाद 2.40 बजे दिखाई दिया था। इन्हें देखते ही सेना के जवानों ने 20 से 25 राउंड फायरिंग कर दी। फायरिंग के बाद ड्रोन गायब हो गए। फिलहाल सेना सर्च ऑपरेशन चलाकर ड्रोन की तलाश कर रही है।

जम्मू एयरबेस पर हुए दो धमाकों की तीव्रता कम थी

गौरतलब है कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर शनिवार मध्यरात्रि बाद दो धमाके हुए थे। वायुसेना के अनुसार  इन धमाकों की तीव्रता बहुत कम थी और पहला धमाका छत पर हुआ, इसलिए छत को नुकसान पहुंचा था। दूसरा धमाका खुली जगह पर हुआ था. धमाके में दो जवानों को भी मामूली चोटें आई थीं। यह पहली बार था, जब आतंकियों ने ड्रोन के जरिए हमला किया था। इसकी जांच अब एनआईए कर रही है।

ड्रोन हमले में कम रहता है जोखिम

सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि ड्रोन के जरिए हमले की ट्रेनिंग पर बहुत ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता। जमीनी हमलों के मुकाबले ड्रोन हमले को अंजाम देने में जोखिम भी कम है। ड्रोन बेहद कम ऊंचाई पर उड़ सकते हैं और इसकी वजह से रडार की पकड़ में आने की संभावना भी कम रहती है। ऐसे में इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि आगे भी आतंकी संगठन इनका इस्तेमाल करेंगे। इसलिए भारत को अब अपने सैन्य ठिकानों की सुरक्षा व्यवस्था को ड्रोन अटैक से नाकाम करने के लिए और ज्यादा आधुनिक करना होगा।

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