लखनऊ, 21 नवंबर। उत्तर प्रदेश में भी अब वाहनों पर भारत सीरीज के नंबर का पंजीकरण कराया जा सकेगा। हालांकि बीएच सीरीज के नंबर के लिए परिवहन विभाग की तरफ से कुछ शर्तें रखी गई हैं। अपने वाहन पर यूपी की बजाय बीएच सीरीज का नंबर चाहने वाले वाहन स्वामियों को आवेदन करना होगा और परिवहन विभाग की शर्तों को पूरा करने पर ही भारत सीरीज का नंबर ले पाना संभव हो पाएगा।
बीएच सीरीज के नंबर से किसी भी राज्य में आवागवमन पर रोक नहीं होगी
वाहन पर भारत सीरीज का नंबर होने से देशभर में किसी भी राज्य में वाहन के आवागमन पर कोई रोक टोक नहीं होगी और न ही उस राज्य में वाहन को पंजीकृत कराने की आवश्यकता पड़ेगी। यह जरूर है कि बीएच सीरीज का नंबर लेने पर अतिरिक्त भार भी उठाने को वाहन स्वामी को तैयार रहना पड़ेगा, लेकिन इससे उन्हें काफी राहत भी मिलेगी।
दूसरे राज्यों में पंजीकरण से भी मिलेगी मुक्ति
अभी तक दूसरे प्रदेश में बिना रजिस्ट्रेशन कराए अधिकतम 12 महीने तक वाहन रखने की अनुमति है। इस अवधि की समाप्ति से पहले फिर से पंजीकरण करवाना होता है, पर बीएच सीरीज शुरू होने के बाद इसकी आवश्यकता नहीं पड़ेगी। बीएच सीरीज के शुरू होने के बाद वे वाहन स्वामी राहत की सांस लेंगे, जिनका एक से दूसरे राज्य में तबादला होता रहता है और वहां उन्हें अपने वाहन का फिर से पंजीकरण कराना पड़ता है।
इन सरकारी विभागों के कर्मचारियों के लिए व्यवस्था
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने सेना से जुड़े रक्षा कर्मियों, केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों, सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ ही संगठनों के स्वामित्व वाले निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए बीएच सीरीज की शुरुआत की है।
इस नई बीएच सीरीज के तहत जिनके दफ्तर चार या अधिक राज्यों में हैं, उनके कर्मचारी 60 नंबर फॉर्म पर आवेदन कर सकते हैं। सरकारी कर्मचारी अपना परिचय पत्र अटैच कर वाहन का रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। हालांकि परिवहन विभाग की यह योजना स्वैच्छिक है, अनिवार्य नहीं है।
परिवहन विभाग ने तय की हैं टैक्स की ये दरें
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने 10 लाख रुपये कीमत वाले वाहन पर 8 फीसद, 10 से 20 लाख रुपये लागत वाले वाहनों पर 10 फीसद और 20 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले वाहनों के लिए 12 फीसद रोड टैक्स निर्धारित किया गया है। इस कर पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क के साथ ही डीजल वाहनों के लिए दो फीसद अतिरिक्त शुल्क लगेगा जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर दो फीसद कम शुल्क चुकाना होगा।
भारत सीरीज के नंबर के पंजीकरण के लिए दो-दो वर्ष के लिए टैक्स जमा करना होगा। 15 वर्षों की वैधता में सात बार टैक्स जमा होगा जबकि उसके बाद एक-एक वर्ष का कर जमा होगा।