नई दिल्ली, 8 जून। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ब्याज दरों में इस बार कोई बदलाव नहीं किया है। मौद्रिक नीति समिति ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की ओर से यह जानकारी दी गई।
आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में भी बदलाव नहीं
केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को भी 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वहीं चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.2 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया है।
वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत : शक्तिकांत दास
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मंगलवार से शुरू हुई तीन दिवसीय बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए गुरुवार को बताया, ‘वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र मजबूत तथा जुझारू बना हुआ है।’
मौद्रिक नीति समिति अपने उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करेगी
शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी कहा कि मौद्रिक नीति समिति अपने उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करेगी। रेपो वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं।
अप्रैल की पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी एमपीसी ने रेपो दर में बदलाव नहीं किया था। इससे पहले मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।