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ट्रंप-पुतिन मुलाकात में नहीं हुआ कोई समझौता, लेकिन भारत के लिए मिले ये संकेत

ट्रंप-पुतिन मुलाकात में नहीं हुआ कोई समझौता, लेकिन भारत के लिए मिले ये संकेत

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नई दिल्ली, 16 अगस्त। अलास्का के एंकोरेज में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन की आमने-सामने मुलाकात करीब तीन घंटे चली, लेकिन न रूस-यूक्रेन युद्धविराम पर सहमति बन पाई और न ही कोई ठोस समझौता हो सका।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ‘कोई समझौता तब तक नहीं होता, जब तक असल में समझौता नहीं हो जाता।’ उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि दोनों देश किसी समझौते तक नहीं पहुंच सके। वहीं पुतिन ने संघर्ष खत्म करने की बात की, लेकिन युद्ध के पीछे का ‘मूल कारण’ दूर करने का जिक्र किया और अगली मुलाकात के लिए मॉस्को में मिलने का संकेत दिया।

मुलाकात के बाद संयुक्त बयान जारी हुआ, लेकिन दोनों नेताओं ने पत्रकारों के सवाल नहीं लिए। बातचीत वन-ऑन-वन (सिर्फ दोनों नेताओं के बीच) से आगे बढ़कर थ्री-ऑन-थ्री (दोनों नेताओं के साथ दो-दो सलाहकारों के बीच) के फॉर्मेट में हुई।

इस बैठक के राजनीतिक और कूटनीतिक संकेत भारत के लिए भी अहम हैं, क्योंकि बातचीत से पहले ट्रंप ने भारत के रूस से तेल आयात को निशाना बनाते हुए बयान दिया था। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह दबाव भारत के जरिए रूस को संदेश देने की ट्रंप की रणनीति का हिस्सा है। बैठक के बाद ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्‍हें अभी रूसी तेल खरीदने वाले देशों जैसे चीन पर नए टैरिफ लगाने पर विचार करने की आवश्‍यकता नहीं है। लेकिन उन्‍होंने चेतावनी दी कि वह ‘दो या तीन सप्‍ताह में’ इस मुद्दे पर फिर से विचार कर सकते हैं।

बंद कमरे में वन-ऑन-वन से बढ़कर थ्री-ऑन-थ्री फॉर्मेट में हुई बातचीत

शुरुआती योजना अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच अकेले में मुलाक़ात की थी, लेकिन अंतिम समय पर बदलाव हुआ और वार्ता ‘थ्री-ऑन-थ्री’ फॉर्मेट में हुई। यानी दोनों राष्ट्रपतियों के साथ दो-दो प्रमुख सलाहकार भी मेज पर मौजूद थे। अमेरिका की तरफ से विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ शामिल थे जबकि रूस की तरफ से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव भी मौजूद थे।

इस वार्ता में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की या यूक्रेन का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं था जबकि चर्चा का मुख्य विषय यूक्रेन युद्ध ही था। जेलेंस्की ने बातचीत से पहले कहा था कि रूस की तरफ से युद्ध खत्म करने का कोई संकेत नहीं है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की सोमवार को वॉशिंगटन में ट्रंप से करेंगे मुलाकात

फिलहाल ट्रंप-पुतिन मुलाकात के कुछ घंटों बाद जेलेंस्की का पहला बयान सामने आया और उन्होंने कहा कि वह सोमवार को वॉशिंगटन डीसी में राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत के लिए मिलेंगे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘हमारी राष्ट्रपति ट्रंप से लंबी और सार्थक बातचीत हुई। हमने वन-ऑन-वन बातचीत से शुरुआत की और फिर यूरोपीय नेताओं को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। यह कॉल डेढ़ घंटे से ज्यादा चली, जिसमें लगभग एक घंटा राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हमारी द्विपक्षीय बातचीत का था।’

यूक्रेनअमेरिका-रूस के बीच त्रिपक्षीय बैठक के लिए ट्रंप के प्रस्ताव का समर्थन

उन्होंने आगे लिखा, ‘हम यूक्रेन, अमेरिका और रूस के बीच त्रिपक्षीय बैठक के राष्ट्रपति ट्रंप के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं। यूक्रेन का मानना है कि अहम मुद्दों पर सीधे नेताओं के स्तर पर चर्चा की जा सकती है और इसके लिए ट्राइलेटरल फॉर्मेट सही है।’

प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसलिए नहीं लिए गए मीडिया से सवाल

इस बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से सवाल नहीं लेने के फैसले पर रूस की ओर से बयान सामने आया है। रूसी समाचार एजेंसी तास के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि व्यापक टिप्पणी करने के कारण सवाल नहीं लेने का निर्णय लिया गया। यह पूछे जाने पर कि प्रेस कॉन्फ्रेंस आखिरकार केवल नेताओं के बयानों के रूप में क्यों हुई, तो उन्होंने जवाब दिया, ‘पहले ही व्यापक बयान दिए गए थे।’ उन्होंने कहा, ‘बातचीत वाकई बहुत अच्छी रही और दोनों नेताओं ने यही कहा इस तरह की बातचीत से मिलकर शांति का रास्ता तलाशने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए जा सकते हैं।’

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