
नई दिल्ली, 16 सितम्बर। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और मुंबई के बीच बन रहा देश का सबसे लंबे एक्सप्रेस वे निर्धारित डेडलाइन के पहले ही तैयार हो जाएगा। गुरुवार को इस एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्यों का जायजा लेने आए गडकरी ने यह दावा किया।
नितिन गडकरी ने निरीक्षण के दौरान एक मजेदार किस्सा भी सुनाया। उन्होंने बताया कि शादी के बाद जब वह महाराष्ट्र में सड़क बनवा रहे थे तो रास्ते मे पड़ रहा ससुराल का घर भी तोड़ना पड़ा था।
Inspected the progress of Delhi-Mumbai Expressway at Ratlam, MP in the presence of Shri Sudheer Gupta ji, MP Mandsour, Shri Guman Singh Damor Ji, MP Ratlam, Shri @bjpanilfirojiya ji, MP Ujjain. We are constructing 245 km of the expressway in the state, worth 11,100 crores. pic.twitter.com/ZB5VML6wI8
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) September 16, 2021
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की सर्वाधिक महत्वपूर्ण परियोजनाओं में एक आठ लेन वाले 1380 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। 98 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बन रहे इस एक्सप्रेस वे को मार्च, 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
दिल्ली से मुंबई का सफर 24 घंटे की बजाए 12 घंटे में पूरा होगा
गौरतलब है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे की आधारशिला परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, अरुण जेटली और सुषमा स्वराज ने नौ मार्च, 2019 को रखी थी। इस एक्सप्रेस वे की 375 किलोमीटर सड़क पूरी हो चुकी है जबकि 1,200 किलोमीटर पर काम चल रहा है। इसके बन जाने के बाद दिल्ली-मुंबई की दूरी 130 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। इसके साथ ही दोनों महानगरों के बीच का सफर 24 घंटे की बजाए 12 घंटे में पूरा किया जा सकेगा।
6 राज्यों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस वे
यह एक्सप्रेस वे देश के छह राज्यों से गुजरेगा, जिसमें दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं। इस एक्सप्रेस वे की वजह से जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद और सूरत जैसे शहरों तक का आवागमन आसान हो जाएगा।
एक्सप्रेस वे के किनारे 20 लाख पेड़ लगाए जाएंगे
एक्सप्रेस वे के किनारे 20 लाख पेड़ लगाए जाएंगे, जिससे पर्यावरण को फायदा होगा। हवा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. वन्य क्षेत्रों और वन्य जीवन को ध्यान में रखते हुए तीन एनिमल और पांच ओवरपास बनाए जा रहे हैं। यानी इस एक्सप्रेस वे के नीचे और ऊपर से कई जगह जंगली जानवरों का मूवमेंट हो सकेगा।