नई दिल्ली, 30 अप्रैल। भारतीय नौसेना के नवनियुक्त 26वें प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने मंगलवार को विधिवत कार्यभार संभाल लिया। कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना को समुद्र में संभावित शत्रुओं से निबटने के लिए हर समय अभियान की दृष्टि से तैयार रहना होगा।
Admiral Dinesh K Tripathi, PVSM, AVSM, NM, assumed command of the #IndianNavy as the 26th Chief of the Naval Staff, to date #30Apr 24.
He was presented a ceremonial Guard of Honour at the South Block, #NewDelhi.@SpokespersonMoDhttps://t.co/jTkT0VcY5b pic.twitter.com/NQxxEol8Xc— SpokespersonNavy (@indiannavy) April 30, 2024
संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ एडमिरल त्रिपाठी ने आर. हरि कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद यह जिम्मेदारी संभाली है। एडमिरल हरि कुमार चार दशकों के शानदार कॅरिअर के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। एडमिरल त्रिपाठी ने ऐसे समय में नौसेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली है, जब लाल सागर और अदन की खाड़ी समेत अनेक रणनीतिक जलमार्गों पर सुरक्षा चुनौतियां पैदा हुई हैं, जिनमें क्षेत्र में हूती उग्रवादियों द्वारा विभिन्न कारोबारी जहाजों को निशाना बनाया जाना शामिल है।
बोले – शत्रुओं से निबटने के लिए हर समय तैयार रहना होगा
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में हमारी नौसेना युद्ध के लिए तैयार, एकजुट, विश्वसनीय और भविष्य के लिहाज से तत्पर बल के रूप में विकसित हुई है। समुद्री क्षेत्र में मौजूदा और उभरती चुनौतियों के मद्देनजर भारतीय नौसेना को शांतिकाल में संभावित शत्रुओं से निबटने के लिए हर समय परिचालन दृष्टि से तैयार रहना होगा और यदि कहा जाए तो समुद्र में तथा समुद्र से युद्ध जीतने के लिए तैयार रहना होगा। मेरा एकमात्र ध्यान और प्रयास इस दिशा में होगा।’
आत्म-निर्भरता बढ़ाने के लिए नौसेना के जारी प्रयासों को बढ़ाने पर प्राथमिकता
नौसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि आत्म-निर्भरता बढ़ाने के लिए नौसेना के जारी प्रयासों को बढ़ाने पर वह प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं आत्म-निर्भरता की दिशा में, नई प्रौद्योगिकियों को पेश करने में और विकसित भारत के लिए हमारे सामूहिक प्रयासों की दिशा में राष्ट्रीय विकास का महत्वपूर्ण स्तंभ बनने में भारतीय नौसेना के चल रहे प्रयासों को भी मजबूत करूंगा।’
उन्होंने कहा कि वह बल के मानव संसाधन से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान देंगे। उन्होंने नौसेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने से पहले राष्ट्रीय समर स्मारक पर देश के शहीद नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्हें रायसीना हिल्स के साउथ ब्लॉक के प्रांगण में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
एक जुलाई, 1985 को भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे एडमिरल त्रिपाठी
एडमिरल त्रिपाठी ने नौसेना प्रमुख के रूप में प्रभार संभालने से पहले अपनी मां रजनी त्रिपाठी का आशीर्वाद लिया। रीवा के सैनिक स्कूल के पूर्व छात्र एडमिरल त्रिपाठी इससे पहले नौसेना के उप प्रमुख का पद संभाल रहे थे। एडमिरल त्रिपाठी का जन्म 15 मई,1964 को हुआ था और एक जुलाई, 1985 को वह भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे। उनका करीब 39 वर्ष का लंबा और उत्कृष्ट कॅरिअर रहा है। उन्होंने भारतीय नौसैन्य जहाज विनाश किर्च और त्रिशूल की कमान भी संभाली है। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के पूर्व छात्र एडमिरल त्रिपाठी को अति विशिष्ट सेवा पदक और नौसेना पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।