यूक्रेन संकट : 21 दिनों के इंतजार के बाद वापस लाया गया नवीन शेखरप्पा का पार्थिव शरीर, सीएम बोम्मई ने दी श्रद्धांजलि
बेंगलुरु, 21 मार्च। युद्धग्रस्त यूक्रेन में रूसी सेना की गोलाबारी में मारे गए कर्नाटक के एक मेडिकल छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर का पार्थिव शरीर 21 दिनों के लंबे इंतजार के बाद सोमवार की सुबह स्वदेश लाया गया। ज्ञानगौदर के परिवार के सदस्य, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सहित कुछ अन्य लोग पार्थिव शरीर लेने के लिए हवाई अड्डे पहुंचे। वहां से शव को ज्ञानगौदर के पैतृक स्थान हावेरी जिले के रानेबेन्नूर तालुक के चालगेरी गांव ले जाया गया।
ज्ञानगौदर का शव एक निजी अस्पताल को दान किया जाएगा
गौरतलब है कि ‘खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी’ में मेडिकल के अंतिम वर्ष के छात्र नवीन की एक मार्च को संघर्ष क्षेत्र में मौत हो गई थी। परिवार वालों ने ज्ञानगौदर का पार्थिव शरीर वापस लाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। आखिरकार उनकी मेहनत काम आई और नवीन का शव घर लाया जा सका। ज्ञानगौदर के माता-पिता ने अंतिम श्रद्धांजलि देने के बाद शव को दावनगेरे के एक निजी अस्पताल को दान करने का फैसला किया है।
युद्ध क्षेत्र से नागरिक का पार्थिव शरीर लाना चमत्कार से कम नहीं – बोम्मई
सीएम बोम्मई ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ज्ञानगौदर ने संघर्ष क्षेत्र में अपनी जान गंवा दी। ज्ञानगौदर की मां पार्थिव शरीर को देश लाने के लिए लगातार गुहार लगा रही थीं। शुरू में, हम युद्ध क्षेत्र से शव लाने की संभावना को लेकर भी संशय में थे। यह एक कठिन कार्य था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी विशाल कूटनीतिक क्षमता से पूर्ण किया।’
यूक्रेन से हजारों छात्रों को घर वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अन्य अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए बोम्मई ने कहा, ‘यह (पार्थिव शरीर लाना) असंभव था क्योंकि ज्यादातर समय हम युद्ध क्षेत्रों से अपने सैनिकों के पार्थिव शरीर नहीं ला पाते। एक आम नागरिक का पार्थिव शरीर लाना, किसी चमत्कार से कम नहीं है।’