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यूपी विधानसभा चुनाव : भाजपा से तालमेल की कोशिश में जदयू, बात नहीं बनी तो अकेले 200 सीटों पर लड़ेगा

यूपी विधानसभा चुनाव : भाजपा से तालमेल की कोशिश में जदयू, बात नहीं बनी तो अकेले 200 सीटों पर लड़ेगा

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पटना, 28 जून। बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोग से सत्तारुढ़ जनता दल (यूनाइटेड) अगले वर्ष प्रस्तावित उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी जोर आजमाने की तैयारी कर रहा है। इस क्रम में जदयू की भाजपा से तालमेल की कोशिश जारी है, लेकिन यदि बात नहीं बनी तो मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की पार्टी यूपी में अकेले 200 उम्मीदवारों को लड़ाएगी।

नीतीश पूरे भारत में पार्टी का विस्तार चाहते हैं : केसी त्यागी

जदयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने सोमवार को कहा, ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे भारत में पार्टी का विस्तार चाहते हैं। इसी दिशा में हमने तय किया है कि 2022 में होने वाले चुनाव में हम यूपी की 200 सीटों पर मजबूती से लड़ेंगे।

योगी आदित्यनाथ से बात कर चुके हैं त्यागी
मीडिया की खबरों के अनुसार जदयू उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहता है। इसे लेकर केसी त्यागी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात भी की है। त्यागी ने योगी से कहा है कि पिछड़े समाज में नीतीश कुमार की लोकप्रियता का इस्तेमाल यूपी में भी किया जा सकता है।

गौरतलब है कि जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता त्यागी को नीतीश कुमार का बेहद करीबी और भरोसेमंद माना जाता है। 2013-2016 तक पार्टी के राज्यसभा सांसद रह चुके त्यागी चूंकि उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, लिहाजा राज्य विधानसभा चुनाव के लिए वह पार्टी के बड़े रणनीतिकार भी होंगे।

टिकट बंटवारे में पिछड़े वर्ग के लोगों को तरजीह

त्यागी ने दावा किया, ‘यूपी चुनाव के लिए पार्टी की तैयारी पूरी हो चुकी है। 200 सीटों पर हमारा संगठन और आधार वोट बैंक मजबूत है। पार्टी सबसे अधिक पिछड़े वर्ग के लोगों को टिकट देगी। पार्टी की राज्य इकाई ने उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। जिलाध्यक्षों से कहा गया है कि सर्वे के आधार पर उम्मीदवारों की सूची तैयार की जाए।’

योगी सरकार में पिछड़ों व किसानों का कोई विकास नहीं

जेडीयू नेता का यह भी कहना था, ‘उत्तर प्रदेश में भले ही विकास के खूब दावे हो रहे हों, लेकिन सच यही है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में पिछड़ा वर्ग और किसानों का कोई विकास नहीं हुआ है। ब्राह्मण समुदाय के साथ भी भेदभाव हो रहा है। लोगों के भीतर बैचेनी है। ऐसे में लोग परिवर्तन चाहते हैं। नीतीश कुमार की नीति के साथ हम मैदान में उतरेंगे।’

वर्ष 2017 में जदयू ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया था
गौरतलब है कि जदयू ने वर्ष 2017 में जदयू ने आखिरी वक्त पर यूपी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। उस समय बिहार में नीतीश कुमार महागठबंधन का हिस्सा थे। 2012 में जेडीयू ने अकेले दम पर 220 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन एक भी सीट नहीं मिली। वहीं 2007 में जेडीयू ने एनडीए के साथ मिलकर 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें उसे सिर्फ जौनपुर में जीत नसीब हुई थी।

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