1. Home
  2. देश-विदेश
  3. देश के विकास के लिये शिक्षित समाज महत्वपूर्ण कड़ी : राष्ट्रपति कोविंद
देश के विकास के लिये शिक्षित समाज महत्वपूर्ण कड़ी : राष्ट्रपति कोविंद

देश के विकास के लिये शिक्षित समाज महत्वपूर्ण कड़ी : राष्ट्रपति कोविंद

0
Social Share

कानपुर, 25 नवम्बर। देश के विकास के लिये शिक्षित समाज की जरूरत पर बल देते हुये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सांप्रदायिक सदभाव और समरसता की भावना से खुशहाली के पथ पर आगे बढ़ा जा सकता है। कानपुर के दो दिवसीय दौरे के दौरान राष्ट्रपति कोविंद यहां मेहरबान सिंह पुरवा गांव में समाजवादी नेता चौ. हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी समारोह में शामिल हुए। राष्ट्रपति के साथ मंच पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद रहीं, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राष्ट्रपति की अगवानी करने के बाद कानपुर से रवाना हो गए। उन्होने कहा “ चौधरी साहब अक्सर कहा करते थे कि राष्ट्र निर्माण में ग्रामीण, कृषि विकास व ग्राम पंचायतों की अहम भूमिका है। विकास का आधार शिक्षा होती है, शिक्षा से ही विकास संभव है। इस फलसफे को वह बखूबी समझते थे। इसको देखते हुए ही यहां पर इस परिवार ने शिक्षण संस्थाओं का जाल बिछा दिया है।”

राष्ट्रपति ने कहा कि, कानपुर में चारों तरफ शिक्षा का जाल बिछा है। ऐसे में कानपुर की जिम्मेदारी भी अहम हो जाती है। चौधरी हरमोहन सिंह के साथ अपने सांसद कार्यकाल को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा “इस क्षेत्र का विकास यहां की परंपराओं और अनूकुलता के अनुसार हुआ है। राज्यसभा में हम दोनों ने संसद के कई कार्यकलाप में भाग लिया है। मेहरबान सिंह का पुरवा तो अब टाउनशिप जैसा विकसित हो चुका है। ऐसे में चौधरी परिवार से अपेक्षा है कि समाज से उन्हें जितना सम्मान मिला है, ऐसे में उसे लौटाना भी जरूरी है। ”

अपने अभिभाषण के दौरान कोविंद ने कई बार कानपुर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कानपुर से उनका काफी लगाव है। यहीं पर रहकर उन्होंने शिक्षा ग्रहण की। इसी धरती के आाशीर्वाद से वह देश के प्रथम नागरिक बने। इस दौरान राष्ट्रपति ने कानपुर और आसपास के लोगों को अपने परिवार जैसा बताया।

राष्ट्रपति ने बताया कि ट्रेन में सफर के दौरान चौधरी साहब अक्सर घर से बना खाना, पकवान और लड्डू आदि लाते थे। वह न केवल हम लोगों को बल्कि उनके आसपास जितने लोग हैं, सभी को वह खाने को देते थे। उन्होंने कहा था कि ट्रेन में जितने लोग भी साथ में सफर कर रहे हैं, वह हमसफर हैं। ऐसे में यह हमसफर की भावना समाज में चरितार्थ हो जाए, तो जाति, बिरादरी, संप्रदाय, ऊंच नीच के भेद मिट जाएंगे और हम जहां पर रहते हैं, वहीं से स्वर्ग दिखने लगेगा।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code