नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण अब 9 जून को संभावित, मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को भी भेजा गया निमंत्रण
नई दिल्ली, 6 जून। केंद्र में लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार के गठन को लेकर मंथन जारी है। इस बीच भाजपा सूत्रों का यह भी कहना है कि नरेंद्र मोदी अब आठ के बजाय नौ जून को शपथ ग्रहण करेंगे।
इसके पूर्व बुधवार को एनडीए के घटक दलों की बैठक में नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुना गया था। उसी समय यह रिपोर्ट भी सामने आई थी कि सात जून को एनडीए की बैठक में नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। तत्पश्चात एनडीए के नेता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंटकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे और आठ जून को मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
लेकिन आज शपथ ग्रहण समारोह को एक दिनी आगे सरकाने की रिपोर्ट सामने आई। बताया जा रहा है कि ज्योतिषी परामर्श के बाद मोदी अब नौ जून की शाम छह बजे कुछ मंत्रियों के साथ लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेंगे।
इस बीच पीएम मोदी के तीसरे शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण कई देशों को दे दिया गया है। आमंत्रित मेहमानों की सूची अब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का नाम भी जुड़ गया है। इससे पहले नरेंद्र मोदी की तरफ से कई और देशों को निमंत्रण दिया गया था, जिनमें भूटान नरेश, श्रीलंका के राष्ट्रपति, नेपाल, बांग्लादेश और मॉरिशस के प्रधानमंत्री शामिल हैं।
दुनियाभर के नेता मोदी की जीत पर दे रहे शुभकामनाएं
दरअसल, लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद दुनियाभर से लगातार मोदी को शुभकामनाएं आ रही हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, रूस के राष्ट्रपति पुतिन, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और मालदीव के राष्ट्रपति की तरफ से प्रधानमंत्री को बधाई संदेश भेजा गया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हसीना ने भी बुधवार शाम मोदी को फोन करके चुनाव में जीत की बधाई दी। मोदी ने प्रधानमंत्री हसीना को अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया।
भारत और मालदीव के बीच गहराया था राजनयिक विवाद
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव की सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के इस दौरे की कुछ तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद गहराया था। मामले पर विवाद बढ़ने के बाद इन तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं इससे पहले मुइज्जू ने मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों को वापस भेजने का भी फैसला किया था। इसके बाद से दोनों देशों के रिश्तों को लेकर तमाम चर्चाएं शुरू हो गई थीं। फिलहाल भारत इसके बाद भी मालदीव की तरह-तरह से मदद करता रहा है। इसी क्रम में मालदीव को नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण का न्योता भेजा जाना काफी अहम माना जा रहा है।
कैबिनेट में जगह मांगने लगे हैं सहयोगी दल
नई सरकार के गठन का दिलचस्प पहलू यह है कि मोदी सरकार 3.0 का कार्यकाल गठबंधन में पहले दो कार्यकाल से अलग होने जा रहा है। कारण, ‘वन नेशन वन इलेक्शन’, ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’, ‘अग्निवीर’ व ‘सीएए’ या ‘मुस्लिम आरक्षण’ आदि मुद्दों पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) का भाजपा से अलग स्टैंड रहा है। और अब गठबंधन में शपथग्रहण से पहले सहयोगियों की तरफ मंत्री पद को लेकर डिमांड सामने आने लगी है।
सूत्रों के अनुसार NDA के प्रमुख साथी टीडीपी की तरफ से लोकसभा स्पीकर से लेकर पांच से छह मंत्रियों की मांग रखी गई है। टीडीपी की डिमांड लिस्ट में सड़क-परिवहन, ग्रामीण विकास, हेल्थ, आवास एवं शहरी विकास, जल शक्ति और फाइनेंस (MoS) की डिमांड रखी गई है। बड़ी बात ये है कि अहम मंत्रालय के साथ-साथ चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग भी कर सकते हैं।
वहीं सूत्रों का कहना है कि JDU की तरफ से भी तीन कैबिनेट मंत्रियों की मांग की गई है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे भी एक कैबिनेट और 2 MoS चाहते हैं। चिराग पासवान भी मोदी मंत्रिमंडल में कम से कम दो मंत्रीपद की उम्मीद लगाकर बैठे हैं। ठीक ऐसे ही ‘हम’ के जीतन राम मांझी और जेडीएस के कुमार स्वामी भी मंत्रिमंडल में एक-एक सीट चाहते हैं।
सूत्रों के मुताबिक जेडीएस कुमारस्वामी के लिए कृषि मंत्रालय पर नजर गड़ाए हुए है क्योंकि जेडीएस की विचारधारा किसानों से जुड़ी है। हालांकि जेडीएस का कहना है कि चूंकि अब तक कैबिनेट पद की मांग नहीं की है, इसलिए फैसला प्रधानमंत्री मोदी पर छोड़ दिया गया है। यदि दिया जाता है तो जेडीएस कृषि मंत्रालय मिल सकता है।