
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दी धमकी – वक्फ बिल के पास होने पर होगा देशव्यापी आंदोलन
नई दिल्ली, 2 अप्रैल। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) लोकसभा में बुधवार को पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक की ने कड़े शब्दों में निंदा की है और बिल के पारित होने पर देशभर में आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
एआईएमपीएलबी ने वक्फ संशोधन विधेयक पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि यह वक्फ संपत्तियों के लिए लाभकारी होने के बजाय नुकसानदेह होगा। एआईएमपीएलबी के वरिष्ठ कार्यकारी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, ‘‘एआईएमपीएलबी और अन्य मुस्लिम संगठनों ने विधेयक पर अपनी चिंताओं से संयुक्त संसदीय समिति को अवगत कराया था, लेकिन इस पर विचार नहीं किया गया। इसके बाद, दिल्ली और पटना समेत कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किए गए, जहां प्रदर्शनकारियों ने असहमति दर्ज कराने के लिए सांकेतिक रूप से काली पट्टी बांधी।’’
यह विधेयक भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिकता से प्रेरित
वहीं AIMPLB के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा, ‘यह विधेयक भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिकता से प्रेरित है। दुख की बात है कि जेपीसी में जो विपक्ष के सदस्य थे, उनकी बात को भी माना नहीं गया। हमने सभी सांसदों से मुस्लिम समुदाय की भावनाओं पर विचार करने और प्रस्तावित संशोधनों को खारिज करने का आग्रह किया है।’
विष्णु शंकर जैन बोले – यह विधेयक एक सकारात्मक कदम
इस बीच, वाराणसी में विभिन्न अदालती मामलों में हिन्दू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि विधेयक ने वक्फ बोर्डों के पहले के कई अधिकारों को कम कर दिया है, जो एक सकारात्मक कदम है।
विष्णु जैन ने कहा, ‘यह विधेयक वक्फ की परिभाषा में महत्वपूर्ण बदलाव करता है और इसकी अनियंत्रित शक्तियों को सीमित करता है। यह एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन कुछ पहलुओं पर अब भी ध्यान देने और बहस की आवश्यकता है।’
कुछ पहलुओं पर अब भी ध्यान देने और बहस की आवश्यकता
उन्होंने कहा, ‘वक्फ संशोधन विधेयक के माध्यम से हमें बहुत राहत मिली है। लेकिन अब भी बहुत कुछ बाकी है। गलत तरीके से जिन संपत्तियों को वक्फ संपत्ति नामित किया गया, उन्हें वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं है। उदाहरण के लिए, किसी अन्य धर्म या न्यास की संपत्ति जो सरकारी संपत्ति नहीं है और जिसे वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है, उसे वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं है।’
जैन ने कहा कि उन्होंने उपरोक्त मुद्दों पर कोई प्रावधान नहीं किए जाने के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब केंद्र सरकार द्वारा दिन में संसद में वक्फ विधेयक पेश किया गया। विपक्षी दल इस विधेयक का कड़ा विरोध कर रहे हैं और इसे ‘असंवैधानिक’ तथा मुस्लिम समुदाय के हितों के विरुद्ध बता रहे हैं।