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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की हिदायत – सूर्य नमस्कार कार्यक्रम से दूर रहें मुस्लिम छात्र

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की हिदायत – सूर्य नमस्कार कार्यक्रम से दूर रहें मुस्लिम छात्र

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लखनऊ, 4 जनवरी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने  ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के बैनर तले स्कूलों में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किए जाने के शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश का विरोध किया है और मुस्लिम छात्रों को इससे दूर रहने की हिदायत दी है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बोर्ड के महासचिव हजरत मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने एक बयान में कहा, ‘भारत एक धर्मनिरपेक्ष बहु-धार्मिक और बहु-सांस्कृतिक देश है। इन्हीं सिद्धांतों के आधार पर हमारा संविधान लिखा गया है। संविधान हमें अनुमति नहीं देता कि सरकारी शिक्षण संस्थानों में किसी धर्म विशेष की शिक्षाएं दी जाए या किसी विशेष समूह की मान्यताओं के आधार पर समारोह आयोजित किए जाए।’ उन्होंने कहा कि मुस्लिम बच्चों के लिए सूर्य नमस्कार जैसे कार्यक्रमों में सम्मिलित होने की बिल्कुल भी अनुमति नहीं है और इससे बचना जरूरी है।

गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय ने गत गत 16 दिसंबर को जारी एक अधिसूचना में कहा है कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के बैनर तले राष्ट्रीय योगासन खेल महासंघ ने एक जनवरी, 2022 से सात फरवरी, 2022 तक 750 मिलियन सूर्य नमस्कार की एक परियोजना चलाने का निर्णय लिया है। 26 जनवरी 2022 को सूर्य नमस्कार पर संगीतमय प्रदर्शन की भी योजना है।

मौलाना रहमानी का आरोप – यह एक असंवैधानिक कृत्य और देश प्रेम का झूठा प्रचार

मौलाना रहमानी ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान सरकार देश के सभी वर्गों पर बहुसंख्यक संप्रदाय की सोच और परंपरा को थोपने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के अधीन शिक्षा मंत्रालय ने 30 राज्यों में सूर्य नमस्कार की एक परियोजना चलाने का निर्णय किया है, जिसमें 30 हजार स्कूलों को पहले चरण में शामिल किया जाएगा। निश्चित रूप से यह एक असंवैधानिक कृत्य है और देश प्रेम का झूठा प्रचार है।

इस्लाम और देश के अन्य अल्पसंख्यक सूर्य को देवता नहीं मानते

उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार सूर्य की पूजा का एक रूप है। इस्लाम और देश के अन्य अल्पसंख्यक न तो सूर्य को देवता मानते हैं और न ही उसकी उपासना को सही मानते हैं। इसलिए सरकार का यह कर्तव्य है कि वह ऐसे निर्देशों को वापस ले और देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का सम्मान करे।

देश प्रेम का हक अदा करना है तो सरकार देश की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान दे

मौलाना रहमानी ने अपने बयान में कहा कि यदि सरकार चाहे तो देश प्रेम की भावना को उभारने के लिए राष्ट्रगान पढ़वाए। उन्होंने कहा कि सरकार देश प्रेम का हक अदा करना चाहती है तो उसे चाहिए कि बेरोजगारी व महंगाई सहित देश की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान दे। आपसी नफरत का औपचारिक प्रचार, मुद्रा का अवमूल्यन, देश की सीमाओं की रक्षा करने में विफलता और सरकार की ओर से सार्वजनिक संपत्ति की निरंतर बिक्री दअरसल वास्तविक मुद्दे हैं। इन पर सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है।

मोहसिन रजा बोले – यह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं बल्कि मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड

वहीं, फिलहाल योगी सरकार के अल्पसंख्यक राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर पलटवार किया है। उन्होंने बोर्ड पर तंज कसते हुए कहा कि कहा कि अखिलेश, मुलायम, राहुल और सोनिया गांधी को नमस्कार करने वालों को सूर्य नमस्कार करने से परहेज है। यह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं बल्कि मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड है।

तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों को खुश करने के लिए दिया गया बयान

मोहसिन रजा ने कहा कि जहां से प्रकाश निकलता हो और ऊर्जा मिलती हो, उसको नमस्कार नहीं करेंगे, लेकिन जहां से इनकी जेब भर्ती हो, उसको यह लोग नमस्कार करेंगे। उन्होंने कहा, ‘चूंकि सूर्य की किरणों में भगवा दिखाई देता है, इसलिए यह विरोध भगवा का है। यह तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों को खुश करने के लिए दिया गया बयान है।’

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