1. Home
  2. हिंदी
  3. राजनीति
  4. ज्ञानवापी विवाद : मुस्लिम नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात का मांगा समय, वाराणसी जिला न्यायालय के फैसले पर उठाए सवाल
ज्ञानवापी विवाद : मुस्लिम नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात का मांगा समय, वाराणसी जिला न्यायालय के फैसले पर उठाए सवाल

ज्ञानवापी विवाद : मुस्लिम नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात का मांगा समय, वाराणसी जिला न्यायालय के फैसले पर उठाए सवाल

0
Social Share

नई दिल्ली, 3 फरवरी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और जमीयत उलमा-ए-हिन्द सहित मुस्लिम निकायों के नेताओं ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा की शुरुआत पर खेद और चिंता व्यक्त की है। इन मुस्लिम नेताओं ने ज्ञानवापी की स्थिति और ऐसे अन्य मामलों पर अपनी चिंताओं से अवगत कराने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात का समय मांगा है।

मुस्लिम नेताओं ने कहा है कि अदालत द्वारा आवश्यक व्यवस्था करने के लिए प्रशासन को सात दिन की मोहलत देने के बावजूद पूजा की तेजी से शुरुआत प्रशासन और वादी के बीच ‘स्पष्ट मिलीभगत’ की ओर इशारा करती है। मस्जिद प्रबंध समिति ने जिला अदालत के आदेश के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया है।

न्यायाधीश का अपने कार्यकाल के अंतिम दिन निर्णय दिया जाना अत्यधिक संदिग्ध

नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि जिला न्यायाधीश का निर्णय अत्यधिक संदिग्ध है, खासकर जब यह न्यायाधीश का कार्यालय में आखिरी दिन था। एएसआई रिपोर्ट का एकतरफा खुलासा भी उतना ही चिंताजनक है, जिससे समाज में उथल-पुथल मच गई है। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह रिपोर्ट महज एक दावा है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह मुद्दा ज्ञानवापी मस्जिद से भी आगे तक फैला हुआ है, क्योंकि देशभर में कई अन्य मस्जिदों और वक्फ संपत्तियों के साथ-साथ मथुरा की शाही ईदगाह, सुनहरी मस्जिद दिल्ली जैसे पूजा स्थलों पर लगातार दावे किए जा रहे हैं।

विभिन्न पूजा स्थलों पर अनुचित दावों की प्रवृत्ति गंभीर चिंता पैदा करती है

बयान में कहा गया कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 पर सुप्रीम कोर्ट की लगातार चुप्पी देश में मुस्लिम समुदाय के लिए गहरी चिंता का विषय बन गई है। विभिन्न पूजा स्थलों पर अनुचित दावों की यह प्रवृत्ति गंभीर चिंता पैदा करती है।

जमीयत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दिल्ली की जामा मस्जिद से लेकर अहमदाबाद, संभल, मथुरा आदि में मस्जिदें ऐसे मुद्दों में उलझी हुई हैं। उन्होंने कहा ,’इस महत्वपूर्ण समय में भारतीय मुसलमानों के प्रतिनिधियों के रूप में, हमने इन चिंताओं को बताने के लिए भारत के राष्ट्रपति से समय मांगा है। हमें उम्मीद है कि वह अपने स्तर पर इन मुद्दों के समाधान के लिए कदम उठा सकती हैं। इसके अतिरिक्त, हमारा इरादा मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को सम्मानजनक और उचित तरीके से भारत के मुख्य न्यायाधीश तक पहुंचाने का है।’

वहीं जमात-ए-इस्लामी हिन्द के मलिक मोहतसिम खान ने कहा कि ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में पूजा की इजाजत देने का आदेश न्यायपालिका के सिद्धांतों के खिलाफ है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code