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सहकारिता भारत के संस्कार में मौजूद, इससे गरीबों व पिछड़ों का विकास होगा : अमित शाह

सहकारिता भारत के संस्कार में मौजूद, इससे गरीबों व पिछड़ों का विकास होगा : अमित शाह

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नई दिल्ली, 25 सितम्बर। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सहकारिता भारत के संस्कार में मौजूद है और सहकारिता आंदोलन से गरीबों और पिछड़ों का विकास होगा। राष्ट्रीय राजधानी के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में शनिवार को आयोजित भारत के पहले सहकारिता सम्मेलन के उद्घाटन संबोधन में शाह ने ये बातें कहीं।

आज भी बनी हुई है सहकारिकता आंदोलन की प्रासंगिकता

सहकार से समृद्धि के लक्ष्य को रखकर केंद्र सरकार की ओर से पहली बार गठित सहकारिता मंत्रालय के इस पहले समागम में अमित शाह ने कहा कि सहकारिता वाले कोई परिपत्र नहीं देखते, किसी भी आपदा आने पर मदद करने को लेकर तैयार हो जाते हैं। पिछले कई दशकों में तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद सहकारिकता आंदोलन की प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है।

36 लाख करोड़ परिवार सहकारिता से जुड़े

अमित शाह ने कहा कि सहकारिता से 36 लाख करोड़ परिवार जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता गरीबों और पिछड़ों के विकास के लिए है। सहकारिता भारत के संस्कारों में हैं, सबको साथ लेकर चलना है।

अमूल और लिज्जत की सफलता में देश की महिलाओं का योगदान

कुछ सहकारी संस्थाओं का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इफ्को ने जहां गरीब क्रांति को एक नई दिशा देने का काम किया वहीं शुरुआत में अमूल से 80 किसान जुड़े थे और आज 36 लाख किसान अमूल के साथ है। उन्होंने कहा कि बहुत कम लोगों को पता होगा कि लिज्जत पापड़ भी सहकारी है। अमूल और लिज्जत की सफलता में देश की महिलाओं का योगदान है।

5 ट्रिलियन की इकोनॉमी के लिए सहकारिता की जरूरत

शाह ने कहा कि सहकारिता का यह अभियान रुकना नहीं चाहिए। इसके काम का दायरा बढ़ना चाहिए। सहकार समृद्धि का नया मंत्र है। सबको मिल-जुल कर एक लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि भारत के 91 प्रतिशत गांवों में सहकारी सहमितियां हैं। देश की 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी के लिए सहकारिता की जरूरत है। उन्होंने इसमें महिलाओं के योगदान को भी सराहा।

समृद्धि का नया मंत्र  है सहकार

अमित शाह ने कहा, ‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मंत्र दिया है – सहकार से समृद्धि तक। मैं आज मोदी जी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सहकारिता क्षेत्र भी आपके 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी को पूरा करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देगा। सहकारिता आंदोलन भारत के ग्रामीण समाज की प्रगति भी करेगा और नई सामाजिक पूंजी का कॉन्सेप्ट भी तैयार करेगा।

हर वंचित तक विकास पहुंचाना सहकारिता मंत्रालय का उद्देश्य

सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जो सहकारिता मंत्रालय बनाया है, उसका ग्रामीण क्षेत्र में विकास को पहुंचाने का उद्देश्य है। ग्रामीण क्षेत्र में हर वंचित तक विकास को पहुंचाने की चुनौती को पार करने की जिम्मेदारी सहकारिता मंत्रालय की है। सहकारिता मंत्रालय को-ऑपरेटिव संस्थाओं को मजबूत करने, उन्हें आगे बढ़ाने, उन्हें आधुनिक बनाने, उन्हें पारदर्शी बनाने, उन्हें प्रतिस्पर्धा में टिके रखने के लिए ही बनाया गया है।

2022 में नई सहकारी नीति लाएंगे

शाह ने कहा, ‘हमने तय किया है कि कुछ समय के अंदर नई सहकारी नीति बनाई जाएगी।  वर्ष 2002 में अटल जी एक सहकारी नीति लेकर आए थे और अब 2022 में मोदी जी लेकर आएंगे। आजादी के अमृत महोत्सव में नई सहकारी नीति को बनाने की हम शुरुआत करेंगे।’

दुनिया के 5 करोड़ से ज्यादा लोग कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े

इफ्को (IFFCO) के चेयरमैन बलविंदर सिंह नकई ने कार्यक्रम में स्वागत भाषण दिया। इस सम्मेलन में सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा और इंटरनेशनल कोऑपरेटिव अलांयस (ग्लोबल) के अध्यक्ष डॉ. एरियल ग्वार्को भी मौजूद थे। विश्व के 110 देशों की लगभग 30 लाख सहकारी संस्थाएं इंटरनेशनल कोऑपरेटिव अलांयस (ग्लोबल) से जुड़ी हुई हैं। देशभर के दो हजार  से अधिक सहकारी बंधु और दुनियाभर से 5.82 करोड़ से ज्यादा लोग सम्मेलन से वर्चुअली जुड़े।

सहकारिता मंत्रालय के बैनर तले देश की अग्रणी सहकारी संस्थाओं – इफ्को, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ, अमूल, सहकार भारती, नैफेड, कृभको और समस्त सहकारी परिवारों ने मिलकर भारत के इस पहले सहकारिता सम्मेलन का आयोजन किया।

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