मायावती ने बसपा की प्रासंगिकता स्वीकार करने पर अमित शाह को दिया धन्यवाद, कहा- ‘यह उनकी महानता है’
लखनऊ, 23 फरवरी। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उनके उस बयान के लिए धन्यवाद दिया है, जिसमें उन्होंने बसपा की प्रासंगिकता अब भी बरकरार रहने का जिक्र किया था।
ज्ञातव्य है कि अमित शाह ने पिछले दिनों एक साक्षात्कार में कहा था, ‘बसपा ने अपनी प्रासंगिकता बनाए रखी है। हमारा मानना है कि उसे वोट मिलेंगे, मुझे नहीं पता कि वह कितनी सीटें पाएगी, लेकिन उसे वोट जरूर मिलेंगे।’ जाटव वोट बैंक के बसपा के साथ होने के सवाल पर शाह ने यह भी कहा था कि बहुत सारी सीटों पर मुसलमान भी बसपा का सहयोग करेंगे।
अमित शाह के बयान के संदर्भ में बुधवार को पूछे गए एक सवाल पर मायावती ने कहा, ‘यह उनकी महानता है कि वह सच को स्वीकार कर रहे हैं। मैं उन्हें यह भी कहना चाहती हूं कि उत्तर प्रदेश में बसपा को न सिर्फ दलितों और मुसलमानों बल्कि अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अगड़ी जातियों के भी वोट मिल रहे हैं।’
2007 की ही भांति पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का भरोसा
बसपा मुखिया ने पूर्वाह्न वोट डालने के बाद संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि आगामी 10 मार्च को जब विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होंगे तब बसपा वर्ष 2007 की ही तरह पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी।
अखिलेश पर तीखे वार – जाटवों की छोड़ें, पहले यादव बिरादरी का ही पूरा वोट ले लें
इस बार जाटव वोट में सेंध लगाने के सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के दावों के बारे में मायावती ने कहा कि ‘जाटवों का वोट हासिल करना एक सपना ही रहेगा। अखिलेश को पहले तो यह सोचना चाहिए कि उन्हें अपनी यादव बिरादरी का ही पूरा वोट मिल रहा है या नहीं।’
बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया, “अखिलेश, ‘नकली अंबेडकरवादी’ हैं। हमें याद है कि उन्होंने किस तरह से दलित गुरुओं और महापुरुषों के नाम पर बनाए गए जिलों और योजनाओं के नाम बदल दिए थे।”
समाजवादी पार्टी का सरकार बनाने का ख्वाब धरा का धरा रह जाएगा
मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी अगली सरकार बनाने का सपना देख रही है, लेकिन उसका यह ख्वाब धरा का धरा रह जाएगा। सभी जानते हैं कि सपा जब सत्ता में होती है तो दलितों, पिछड़ों, गरीबों और ब्राह्मणों को सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया जाता है। सपा के शासन में दंगे होते हैं और मुजफ्फरनगर का दंगा इसका उदाहरण है। चुनाव के नतीजे आने से पहले ही लोगों ने सपा को खारिज कर दिया है।
मुस्लिम वर्ग के लोग समाजवादी पार्टी की कार्यप्रणाली से बहुत नाराज
मुस्लिम मतदाताओं का सपा को समर्थन मिलने के अखिलेश यादव के दावे पर मायावती ने कहा, ‘गांव जाकर आप वास्तविकता का आकलन कर सकते हैं। धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम वर्ग के लोग समाजवादी पार्टी की कार्यप्रणाली से बहुत नाराज हैं। उनमें से ज्यादातर का मानना है कि वे पिछले पांच वर्षों के दौरान सपा के साथ रहे, लेकिन जब टिकट बंटवारे का वक्त आया तो उसने उन सीटों पर दूसरों को टिकट दे दिया, जहां पर वे वर्षों से काम कर रहे थे। आखिर मुस्लिम मतदाता ऐसी पार्टी को वोट क्यों देंगे, जिससे वे खुश ही नहीं हैं।’