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मायावती बोलीं – धर्मनिरपेक्षता की अवहेलना कर देश को प्रगति के पथ पर नहीं दौड़ाया जा सकता

मायावती बोलीं – धर्मनिरपेक्षता की अवहेलना कर देश को प्रगति के पथ पर नहीं दौड़ाया जा सकता

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लखनऊ, 21 जून। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने बुधवार को कहा कि धर्मनिरपेक्षता अर्थात किसी की उपेक्षा नहीं बल्कि सभी धर्मों का एक बराबर आदर-सम्मान भारतीय संविधान की चिर-परिचित विश्व-सराहनीय विशेषता है, जिसकी अवहेलना करके देश को प्रगति के पथ पर नहीं दौड़ाया जा सकता। उन्होंने कहा कि सामाजिक बुराइयों आदि की आड़ में धार्मिक उन्माद फैलाने वालों को सख्ती से सरकार को रोकना होगा।

बसपा द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक पार्टी प्रमुख मायावती ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में राज्यस्तरीय , मण्डलस्तरीय एवं जिलास्तरीय समितियों के वरिष्ठ पदाधिकारियों की एक अहम बैठक में प्रदेश एवं देश के बदलते राजनीतिक हालात एवं सम्बंधित ख़ास घटनाक्रमों आदि पर रणनीतिक चर्चा की और पार्टी संगठन की मज़बूती से जुड़े कार्यकलापों तथा पार्टी के जनाधार को हर स्तर पर बढ़ाने की पूरी प्रगति रिपोर्ट ली और आगे के लिए निर्देश दिये।

मायावती ने कहा, ‘धर्मनिरपेक्षता अर्थात् किसी की उपेक्षा नहीं सभी धर्मों का एक बराबर आदर-सम्मान भारतीय संविधान की चिर-परिचित विश्व-सराहनीय विशेषता है, जिसकी अवहेलना करके देश को प्रगति के पथ पर नहीं दौड़ाया जा सकता, खासकर वर्तमान में जब भारत को पहले से ज्यादा बड़ी एवं कठिन चुनौतियों का सामना रहा है। सभी सरकारों को इस पर ध्यान देना होगा।’

उन्होंने कहा, ‘इसीलिए केन्द्र , उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, मध्यप्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे प्रमुख राज्यों की सरकारों को भी समझना होगा कि कथित लव जिहाद, लैण्ड जिहाद, धर्मान्तरण, हिजाब, मजार एवं स्कूल/कालेज विध्वंस, मदरसा जाँच, बुलडोजर राजनीति तथा धार्मिक उन्माद फैलाने वाले नफरती/संकीर्ण बयानों एवं कार्रवाईयों आदि से देश भर में तनाव एवं दहशत का माहौल व्याप्त है जो देश की मजबूती के लिए घातक है। सामाजिक बुराइयों आदि की आड़ में धार्मिक उन्माद फैलाने को सख्ती से सरकार को रोकनी होगी।’

बसपा नेता ने कहा कि देश भर में जारी इसी प्रकार की संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति का परिणाम है कि मणिपुर राज्य में भी नफरती हिंसक वारदात की आग थमने का नाम नहीं ले रही है, जिसके प्रति उचित प्रभावी कार्रवाई एवं गंभीरता जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्वार्थ की राजनीति से क्या देश का महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी एवं पिछड़ेपन आदि की जटिल समस्याओं से मुक्ति प्राप्त करके आगे बढ़ पाना संभव है?

बयान के मुताबिक इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश के लोगों के भी हर प्रकार के त्रस्त हालात की प्राप्त फीडबैक के आधार पर समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि विकास पूरे प्रदेश का होना चाहिए, न कि समाजवादी पार्टी के हुकूमत की तरह ही कुछ विशेष जिले व खास क्षेत्र का ही हो।

उन्होंने कहा कि जनसंख्या के हिसाब से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और इसीलिए देश के हित एवं विकास के लिए यहाँ हर प्रकार की अमनचैन, सुख-शान्ति और अच्छी कानून-व्यवस्था बहुत जरूरी है, किन्तु इन सब मामले में राज्य सरकार काफी कुछ फेल ही साबित होती हुई नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि हिरासत में हत्यायें तथा अपराधियों में खुलेआम टकराव व सनसनीखेज हत्याओं आदि ने लोगों में दहशत व असुरक्षा पैदा कर दी है जिससे अपराध नियंत्रण के सरकारी दावे की पोल खुलती है।

बयान के मुताबिक राज्य के करोड़ों लोगों के जीवन में जबरदस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, अशान्ति, तनाव, महिला असुरक्षा एवं उत्पीड़न तथा बिजली-पानी-सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के घोर अभाव जैसी दिन-प्रतिदिन की अनवरत विकट समस्याओं से त्रस्त जीवन के प्रति कथित उप्र की भाजपा सरकार की लगातार अनदेखी का संज्ञान लेते हुए मायावती ने कहा कि अपनी इन सब कमियों पर से लोगों का ध्यान बांटने के लिए ही भाजपा एवं इनकी सरकारें जातिवादी, साम्प्रदायिक और धार्मिक विवादों/उन्मादों को जानबूझकर पूरी छूट व शह दे रही हैं, तथा इनके इस प्रकार के स्वार्थपूर्ण व्यवहार के कारण प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश की प्रगति भी प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से प्रभावित हो रही है।

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