लखनऊ, 13 फरवरी। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने किसानों के बाद अब बेरोजगारी के कारण युवाओं को भी आत्महत्या के लिए मजबूर होने के मामले सामने आने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इस तरह की घटनायें सामने आने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विकास और शाइनिंग इंडिया के दावे कितने सही हैं, इस पर विचार होना चाहिए।
मायावती ने बेरोजगारी के कारण युवाओं की आत्महत्या के मामलों में उछाल आने को उजागर करने वाली एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से रविवार को इस मामले में चिंता जताते हुये संसद में इस मुद्दे पर बहस कराने से बच रही सरकार की आलोचना भी की।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘कर्ज में डूबी घुटन का जीवन जीने को मजबूर किसानों द्वारा आत्महत्या की खबरें विचलित करती हैं, किन्तु अब बेरोजगार युवाओं द्वारा भी आत्महत्या करने की विवशता ने राष्ट्रीय चिन्ता, बेचैनी व आक्रोश को और बढ़ा दिया है। फिर भी विकास व इण्डिया शाइनिंग आदि जैसा भाजपा का दावा कितना उचित?’
2. साथ ही, भाजपा द्वारा संसद में भी बेरोजगारी की ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्या से इंकार करना इनकी यह गलत व अहंकारी सोच नहीं है तो और क्या है? कौन युवा बेरोजगारी का ताना व अपमान सहना चाहता है? भाजपा के लोग अपनी संकीर्ण सोच व मानसिकता को त्यागें तभी देश का कुछ भला संभव।
— Mayawati (@Mayawati) February 13, 2022
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस ज्वलंत मुद्दे पर संसद में बहस कराने से इनकार करने को भाजपा की अहंकारी सोच का परिणाम बताया है। उन्होंने भाजपा को देशहित में अपनी संकीर्ण सोच त्यागने की नसीहत देते हुए कहा, ‘भाजपा द्वारा संसद में भी बेरोजगारी की ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्या से इंकार करना इनकी यह गलत व अहंकारी सोच नहीं है तो और क्या है? कौन युवा बेरोजगारी का ताना व अपमान सहना चाहता है? भाजपा के लोग अपनी संकीर्ण सोच व मानसिकता को त्यागें तभी देश का कुछ भला संभव।’