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मैनपुरी उपचुनाव : चाचा शिवपाल की ‘शरण’ में पहुंचे अखिलेश और डिंपल, गढ़ को बचाने के लिए बनाई रणनीति

मैनपुरी उपचुनाव : चाचा शिवपाल की ‘शरण’ में पहुंचे अखिलेश और डिंपल, गढ़ को बचाने के लिए बनाई रणनीति

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मैनपुरी, 17 नवंबर। मैनपुरी लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए अखिलेश यादव खुद शिवपाल यादव के घर पहुंच गए। यहां अखिलेश यादव के साथ उनकी पत्नी और मैनपुरी से सपा प्रत्याशी डिंपल यादव और धर्मेंद्र यादव भी मौजूद थे। अखिलेश और शिवपाल की ये मुलाकात करीब एक घंटे चली। दोनों के बीच मैनपुरी चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। मैनपुरी सीट पर वोट बैंक के लिहाज से शिवपाल यादव की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है। मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट को बचाने के लिए पूरा परिवार एक हो गया है। इसके साथ ही यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से चल रहा अखिलेश और शिवपाल के बीच का विवाद खत्म होता नजर आ रहा है। इससे पहले अखिलेश यादव ने सपा की स्टार प्रचारक सूची में शिवपाल यादव का नाम शामिल कर रिश्ते सुधारने की शुरूआत की थी।

शिवपाल यादव को जब अखिलेश ने समाजवादी पार्टी से स्टार प्रचारक घोषित किया, तो उन्होंने भी हामी भर दी। इसके बाद इटावा के सैफई में बुधवार को शिवपाल सिंह की कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग हुई। बैठक संपन्न होने के बाद पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि शिवपाल सिंह यादव ने डिंपल का समर्थन करते हुए कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से कहा कि, बहू डिंपल के लिए वोट करो, वो हमारी बहू है उसके लिए लगना है।

  • डिंपल यादव के लिए सपा परिवार हुआ एक

इससे पहले तेज प्रताप यादव ने भी मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि पूरा परिवार एकजुट है, वो स्टार प्रचारक हैं। कहीं किसी तरह की कोई बात नहीं है। बीजेपी के लोग तरह-तरह की बातों को हवा दे रहे हैं, उनको जिताने के लिए सभी लोग एक साथ हैं। तेज प्रताप ने कहा कि मैनपुरी के लोग हमारे साथ हैं। उन्होंने बैठक की है, जल्द ही कार्यक्रम बन जाएंगे और उसके बाद वे प्रचार में उतरेंगे।

  • बीजेपी प्रत्याशी का गुरु मुलायम के जरिए दांव

भारतीय जनता पार्टी से मैनपुरी लोकसभा सीट उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य ने अपने नामांकन से पहले मुलायम सिंह यादव की समाधि स्थल पर माथा टेका था। यहां उन्होंने मुलायम सिंह यादव को अपना गुरु भी बताया। उन्होंने डिंपल यादव को हराने के लिए मुलायम सिंह यादव के नाम का बड़ा कार्ड खेला है।

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