लोकसभा से ‘विकसित भारत- जी राम जी’ विधेयक को मिली मंजूरी, जबर्दस्त हंगामे के बीच विपक्ष ने फाड़ी विधेयक की कॉपी
नई दिल्ली, 18 दिसम्बर। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में आज जबर्दस्त हंगामे के बीच मनरेगा का नाम बदलने समेत कई प्रावधानों में बदलाव करने वाले ‘विकसित भारत – गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) विधेयक, 2025’ को मंजूरी दे दी गई।
सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित
केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बिल को सदन में रखा था, जिसे पास कर दिया गया। इस दौरान विपक्ष की ओर से हंगामा जारी रहा और हंगामे के ही बीच सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
LokSabha passes The Viksit Bharat – Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission (Gramin): VB – G Ram G Bill, 2025.
इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार और आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
यह विधेयक मौजूदा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार… pic.twitter.com/SIbw1A2paC
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लोकसभा में जिस समय विधेयक पर मतदान हो रहा था, उसी समय कई विपक्षी सांसदों ने विधेयक की प्रतियां फाड़कर फेंकी। विपक्ष ने सरकार पर महात्मा गांधी का अपमान करने और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के प्रावधानों को कमजर करने का आरोप लगाया।
शिवराज बोले – भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई मनरेगा स्कीम
शिवराज सिंह चौहान ने विधेयक के पक्ष में कहा कि मनरेगा स्कीम भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई थी। अब योजना में बदलाव होने से इसमें करप्शन को कम किया जा सकेगा। चौहान ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा, “NREGA में महात्मा गांधी का नाम ‘2009 के चुनावों को ध्यान में रखकर’ जोड़ा गया था।” उन्होंने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की इस आलोचना का भी जवाब दिया कि मोदी सरकार मनमर्जी से योजनाओं का नाम बदल देती है और नेहरू-गांधी के नाम पर कई कल्याणकारी कार्यक्रमों की लिस्ट गिनाई।
Union Minister @ChouhanShivraj replies to the discussion on The Viksit Bharat – Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission (Gramin): VB – G Ram G Bill, 2025 in Lok Sabha.@MoRD_GoI @LokSabhaSectt #VBGRAMGBill #LokSabha #RajyaSabha
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विपक्षी सांसदों ने फाड़ी बिल की कॉपी…
विपक्षी सांसदों ने सदन के वेल में हंगामा किया, ग्रामीण रोज़गार योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने को लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए, बिल की कॉपियां फाड़ीं और उन्हें स्पीकर की कुर्सी की ओर फेंका।
विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में विरोध मार्च भी निकाला
इससे पहले दिन में विपक्षी सांसदों ने बिल वापस लेने की मांग करते हुए संसद परिसर के अंदर विरोध मार्च निकाला था। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने इस कानून को गांधी का अपमान और काम के अधिकार पर हमला बताया, जिसने ग्रामीण भारत में सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाया था।
‘जी राम जी’ बिल हर ग्रामीण परिवार को, जिसके वयस्क सदस्य बिना किसी खास हुनर वाले शारीरिक काम के लिए स्वेच्छा से काम करते हैं, हर वर्ष 125 दिनों के रोजगार की कानूनी गारंटी देता है। राज्यों को कानून लागू होने के छह माह के अंदर अपनी योजनाओं को नए कानून के प्रावधानों के हिसाब से बनाना होगा।
