LG वीके सक्सेना ने जल संकट के बीच AAP को कोसा – ‘राजनीतिक फायदा इनका एकमात्र मकसद…’
नई दिल्ली, 22 जून। राष्ट्रीय राजधानी में व्याप्त जल संकट को लेकर एकतरफ जहां सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है वहीं हरियाणा से दिल्लीवासियों के लिए और ज्यादा पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर दिल्ली की जल मंत्री आतिशी मार्लेना का पानी सत्याग्रह (भूख हड़ताल) लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी जारी रही।
इस बीच दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने जल संकट को लेकर आम आदमी पार्टी का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधा है और AAP के नेताओं पर मौके का फायदा उठाने का आरोप लगाया है।
‘राजनीतिक लाभ के मकसद से इस संकट को अवसर में तब्दील कर दिया’
वीके सक्सेना ने एक बयान में कहा, ‘दिल्ली में पानी की सप्लाई चुनौती बन गई है। इस पर पिछले कुछ हफ्तों में जीएनसीटीडी के मंत्रियों की तीखी बातचीत विभिन्न स्तरों पर चिंताजनक और संदिग्ध रही है। दिल्ली के नेताओं का एकमात्र मकसद राजनीतिक फायदा हासिल करने का है। दिल्ली के नेताओं ने राजनीतिक लाभ हासिल करने के मकसद से इस संकट को अवसर में तब्दील कर दिया है ताकी पड़ोसी राज्यों पर इसका ठीकरा फोड़ा जा सके।’
उन्होंने कहा दिल्ली पीने के पानी की सप्लाई के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा पर निर्भर है। अंतरराज्यीय जल-बंटवारे की व्यवस्था जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की तरफ से बनाए गए संस्थागत तंत्र के माध्यम से तय की जाती है, जिसे देश की सर्वोच्च अदालत ने बार-बार बरकरार रखा है। इस व्यवस्था के चलते हुए समझौते के तहत राज्य पानी छोड़ने के लिए बाध्य हैं। इसी तरह शहरी सरकार भी यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि शहरभर में समान मात्रा में पानी की सप्लाई हो और इस जल संसाधन का कुशलतापूर्वक इस्तेमाल किया जा सके।
अनिश्चितकालीन अनशन पर आतिशी
उल्लेखनीय है कि दिल्ली की जल मंत्री आतिशी शुक्रवार को हरियाणा से राष्ट्रीय राजधानी के लिए यमुना का अधिक पानी छोड़ने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गईं है। आज उनके अनशन का दूसरा दिन है। इस दौरान उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा, जब तक दिल्लीवासियों के लिए हरियाणा और पानी नहीं छोड़ता, तब तक वह कुछ नहीं खाएंगी। शहर में 28 लाख लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं।
28 लाख लोगों को नहीं मिल रहा पानी – आतिशी
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को हरियाणा ने 11 करोड़ गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) कम पानी छोड़ा। एक एमजीडी पानी से 28,000 लोगों को जलापूर्ति होती है। 100 एमजीडी पानी की कमी का मतलब है कि दिल्ली में 28 लाख लोगों को पानी नहीं मिल रहा है।
जल मंत्री ने कहा कि दिल्ली को पानी के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है। पड़ोसी राज्यों से नदियों और नहरों के जरिए उसे 1,005 एमजीडी पानी मिलता है, जिसमें से हरियाणा 613 एमजीडी पानी उपलब्ध कराता है। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों राज्य केवल 513 एमजीडी पानी ही दे रहा है, जिस कारण 28 लाख से अधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं।