
लैंड फॉर जॉब केस : ED ने लालू प्रसाद से 4 घंटे तक की पूछताछ, कल राबड़ी व तेज प्रताप की हुई थी पेशी
पटना, 19 मार्च। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव लैंड फॉर जॉब मामले में आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पटना स्थित दफ्तर में पेश हुए। ईडी अधिकारियों ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन दिए जाने के आरोपों पर लालू यादव से लगभग चार घंटे तक सवाल पूछे।
उल्लेखनीय है कि रेलवे में नौकरी के बदले जमीन केस में लालू यादव परिवार जांच के दायरे में है। 23 घंटे पूर्व ईडी ने लालू प्रसाद की पत्नी व बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेज प्रताप से लंबी पूछताछ की थी। दोनों को अलग-अलग कमरे में बैठाकर ED अधिकारियों ने सवाल किए थे।
तेजस्वी बोले – ‘बुलाया है तो हम जाएंगे, लेकिन इससे कुछ होना नहीं है’
इस बीच लालू प्रसाद के छोटे पुत्र व राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ‘एजेंसी तो सारी भाजपा की टीम है, इनका सारा काम अब बिहार में दिखेगा। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है, हम कानून का पालन करेंगे। बुलाया है तो हम लोग जाएंगे, लेकिन इन सब चीजों से कुछ होना नहीं है। भाजपा डर में है इसलिए ये सब करती है, हम बिहार में सरकार बनाएंगे।
सूत्रों के अनुसार ईडी की टीम ने राबड़ी देवी से पूछताछ में कई सवालों के जवाब जानना चाहे। हालांकि, वह कई सवालों के जवाब टाल गईं। ईडी सूत्रों का कहना है कि मामले में कुछ अतिरिक्त तथ्य सामने आने के कारण नए सिरे से पूछताछ जरूरी हो गई थी। राबड़ी, तेजप्रताप और लालू के बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किए जा रहे हैं।
ईडी द्वारा राबड़ी देवी से पूछे गए कुछ अहम सवाल –
- दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी वाला बंगला कैसे लिया गया?
- पटना के सगुना मोड़ वाले अपार्टमेंट की जमीन कैसे खरीदी गई?
- इन संपत्तियों की खरीद के लिए पैसे कहां से आया?
- आपके नाम से जो जमीन है, वो कैसे अर्जित की गई है?
- जिन लोगों से नौकरी के बदले जमीन ली गई, उनको आप कैसे जानती हैं?
- आप उन लोगों से पहली बार कब मिलीं, जिन्हें रेलवे में नौकरियां दी गईं?
- रेलवे में नौकरी पाने वाले लोग आपके संपर्क में कैसे आए?
क्या है पूरा मामला?
उल्लेखनीय है कि ईडी ने पिछले वर्ष दिल्ली की एक अदालत में लालू परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें कुछ अन्य लोगों के अलावा राबड़ी देवी और उनकी बेटियों – मीसा भारती व हेमा यादव को भी आरोपित बनाया गया था। आरोप है कि लालू यादव ने केंद्र में यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 2004-2009 के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी की नियुक्ति में भ्रष्टाचार किया था।