नई दिल्ली, 23 मार्च। चारा घोटाले मामले में जेल की सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की दिल्ली से रांची लौटते समय हवाई अड्डे पर ही फिर तबीयत खराब हो गई। इसके बाद उन्हें बुधवार को दोबारा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराना पड़ा है।
एम्स के डॉक्टरों ने ‘फिट‘ बताकर भोर में किया था डिस्चार्ज
इससे पहले लालू यादव को एम्स के डॉक्टरों ने पूरी तरह से ‘फिट’ करार देते हुए तड़के 3:30 बजे अस्पताल से छुट्टी दे दी। उन्हें मंगलवार की ही रात नौ बजे रांची से लाकर एम्स में भर्ती कराया गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 73 वर्षीय लालू यादव को रांची से सीधे दिल्ली स्थित एम्स के इमरजेंसी विभाग में लाया गया, जहां डॉक्टरों ने स्वास्थ्य परीक्षणों के बाद राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख को पूरी तरह से ‘फिट’ पाया। लेकिन एहतियात के तौर पर डॉक्टरों ने लालू यादव को रात 3.30 बजे तक अपनी निगरानी में रखा और उसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी।
राजद ने लालू यादव इलाज में पक्षपात का लगाया आरोप
हालांकि राष्ट्रीय जनता दल ने लालू यादव के इलाज में पक्षपात का आरोप लगाया गया और पार्टी की ओर से कहा गया है कि उन्हें बिना किसी उचित चिकित्सा निगरानी के आनन फानन में एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है। लालू प्रसाद इससे पूर्व पिछले वर्ष जनवरी में तबीयत खराब होने पर दिल्ली स्थित एम्स में इलाज के लिए रांची से शिफ्ट किए गए थे।
रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के निदेशक कामेश्वर प्रसाद ने दो दिन पूर्व कहा था, ‘लालू यादव के दिल और किडनी में गंभीर समस्या है। इसलिए रिम्स के मेडिकल बोर्ड ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में भेजने की सिफारिश की है।’
रिम्स के डॉक्टरों के मुताबिक लालू यादव किडनी की समस्या सहित कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। रिम्स के सात सदस्यीय मेडिकल बोर्ड के प्रमुख डॉ विद्यापति ने मंगलवार को कहा था, ‘लालू प्रसाद यादव का क्रिएटिनिन स्तर बढ़कर 4.6 हो गया है, जो पहले 3.5 था। उनके ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव हो रहा है और शुगर का स्तर भी 150 और 200 मिलीग्राम / डीएल के बीच है। उनकी किडनी महज 15-20 फीसदी क्षमता से काम कर रही है।’