कोनेरू हम्पी ने रचा इतिहास, दूसरी बार जीता महिला विश्व रैपिड शतरंज खिताब
न्यूयॉर्क, 29 दिसम्बर। भारत की शीर्षस्थ महिला शतरंज खिलाड़ी व ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने यहां फिडे महिला विश्व रैपिड शतंरज चैम्पियनशिप के इतिहास में नए अध्याय का सृजन करते हुए दूसरी बार खिताब जीत लिया है। 37 वर्षीया भारतीय दिग्गज ने अंतिम राउंड में इंडोनेशिया की आइरीन सुकंदर को हराने के साथ यह श्रेय अर्जित किया।
विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) निवासी हम्पी दो बार यह खिताब जीतने वालीं देश की पहली महिला शतरंज खिलाड़ी हैं। इससे पहले 2019 में जॉर्जिया में यह उपाधि जीत चुकीं हम्पी इसी क्रम में चीन की जू वेनजुन के बाद एक से ज्यादा बार विश्व रैपिड खिताब जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी बनीं।
अंतिम राउंड में जीत की दरकार थी
कोनेरू हम्पी ने 11 में सर्वाधिक 8.5 अंक के साथ टूर्नामेंट का समापन किया। यह भारतीय ग्रैंडमास्टर के लिए एक निर्णायक जीत थी। उन्हें चैम्पियनशिप जीतने के लिए में सिर्फ जीत की ही दरकार थी। ड्रॉ या हार से उनका सपना टूट जाता। लेकिन उन्होंने सुकंदर के खिलाफ धैर्यपूर्ण प्रदर्शन से बाजी मार ली।
Congratulations to @humpy_koneru on winning the 2024 FIDE Women’s World Rapid Championship! Her grit and brilliance continues to inspire millions.
This victory is even more historic because it is her second world rapid championship title, thereby making her the only Indian to… https://t.co/MVxUcZimCc pic.twitter.com/nndIak2OvI
— Narendra Modi (@narendramodi) December 29, 2024
हम्पी की दृढ़ता व प्रतिभा लाखों लोगों को प्रेरित करने वाली – पीएम मोदी
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हम्पी की अपने करिअर में दो बार फिडे महिला विश्व रैपिड शतरंज चैम्पियनशिप जीतने की उपलब्धि की सराहना की। पीएम मोदी ने X पर हम्पी को टैग करते हुए लिखा, ‘हम्पी को 2024 फिडे महिला विश्व रैपिड चैम्पियनशिप जीतने पर बधाई। उनकी दृढ़ता और प्रतिभा लाखों लोगों को प्रेरित करती है। यह जीत और भी ऐतिहासिक है क्योंकि यह उनका दूसरा विश्व रैपिड चैम्पियनशिप खिताब है। वह इस अविश्वसनीय उपलब्धि को हासिल करने वाली इकलौती भारतीय बन गई हैं।’
हम्पी बोली – ‘मेरी जीत अन्य भारतीयों को शतरंज खेलने के लिए प्रेरित करेगी‘
वहीं हम्पी ने कहा कि उनकी जीत अब अन्य भारतीयों को शतरंज खेलने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत के लिए यह सही समय है। हमारे पास विश्व चैंपियन के रूप में गुकेश है और अब मुझे रैपिड प्रतियोगिता में दूसरा विश्व खिताब मिला है। इसलिए मुझे लगता है कि यह बहुत से युवाओं को पेशेवर रूप से शतरंज खेलने के लिए प्रेरित करेगा।’
भारतीय शतरंज के लिए एक शानदार वर्ष का अंत
सच पूछें तो हम्पी की उपलब्धि के साथ भारतीय शतरंज के लिए एक शानदार वर्ष का अंत हुआ। इससे पहले डी गुकेश हाल ही में सिंगापुर में क्लासिकल प्रारूप विश्व चैम्पियनशिप में चीन के डिंग लिरेन को हराकर चैम्पियन बने थे। वहीं सितम्बर में भारत ने बुडापेस्ट में शतरंज ओलम्पियाड में पहली बार ओपन और महिला वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था।
Dream year for Indian chess and Any Chess Nation pic.twitter.com/4aZYlvhspb
— To the point 🇮🇳🚩 (@Shubham11752263) December 29, 2024
रूस के वोलोदर मुर्जिन ने जीता पुरुष वर्ग का खिताब
उधर रूस के 18 वर्षीय वोलोदर मुर्जिन ने पुरुष वर्ग में विश्व रैपिड शतरंज खिताब जीता। नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव के बाद मुर्जिन दूसरे सबसे कम उम्र के FIDE वर्ल्ड रैपिड चैंपियन हैं। नोदिरबेक ने 17 वर्ष की उम्र में खिताब जीता था।
रैपिड शतरंज में लाजवाब रहा है हम्पी का प्रदर्शन
देखा जाए तो हम्पी ने रैपिड दुनिया में हमेशा लाजवाब प्रदर्शन किया है। उन्होंने मॉस्को में आयोजित प्रतियोगिता के 2012 संस्करण में कांस्य पदक जीता था। फिर 2019 में जॉर्जिया के बटुमी में चैम्पियनशिप जीतकर सफलता के शिखर पर पहुंची थीं। पिछले वर्ष वह उज्बेकिस्तान के समरकंद में इसी टूर्नामेंट में रजत पदक जीती थीं।
अन्य प्रारूपों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन
रैपिड शतरंज के अलावा हम्पी ने अन्य प्रारूपों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने 2022 महिला विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था। वहीं, 2024 में महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के नजदीकी अंतर से चूक गई थीं। उन्होंने रजत पदक हासिल किया था। हम्पी निजी कारणों से बुडापेस्ट ओलम्पियाड में हिस्सा नहीं ले सकी थीं, जहां भारत ने छह स्वर्ण पदक जीते थे। इनमें व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण और भारतीय पुरुष-महिला टीम के स्वर्ण पदक शामिल हैं। हम्पी उस महिला टीम का हिस्सा नहीं थीं, लेकिन उन्होंने 2024 के अंत में रैपिड खिताब जीतकर शानदार वापसी की।