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विद्वानों की सलाह और प्रशासन के आदेश से काशीवासी दिग्भ्रमित, कुछ ने खेली होली, ज्यादातर कल मनाएंगे

विद्वानों की सलाह और प्रशासन के आदेश से काशीवासी दिग्भ्रमित, कुछ ने खेली होली, ज्यादातर कल मनाएंगे

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वाराणसी, 7 मार्च। होली को लेकर विद्वानों में एकमत नहीं होना और प्रशासन का आधे शहर में दुकानें बंद रखने का आदेश काशीवासी दिग्भ्रमित हो गए। काशी की लोक और शास्त्रीय दोनों परंपराओं में आस्था रखने वाले मूल काशीवासियों ने मंगलवार को रंगोत्सव मनाया। काशी के पंचांगों के दिशा निर्देश के अनुसार सोमवार रात होलिका दहन की परंपरा निभाई गई और मंगलवार की सुबह रंग खेला गया। लेकिन ज्यादातर ने होली बुधवार को मनाने का फैसला किया है।

जिला प्रशासन ने पहले आठ मार्च को शराब की दुकानों को बंद रखने का आदेश जारी किया था। ऐसे में लोगों ने आठ मार्च को ही होली मनाने की तैयारियां कर रखी थीं। इस बीच ज्यादातर विद्वानों, काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास और काशी विद्वत परिषद ने सात मार्च को होली को धर्मसम्मत बताया।

विद्वानों का मत सामने आने पर प्रशासन ने अपना आदेश संशोधित कर दिया। प्रशासन ने शहरी इलाकों में शराब बियर की दुकानों को सात मार्च और अन्य दुकानों को आठ मार्च को बंद रखने का आदेश जारी कर दिया। इस संशोधित आदेश ने लोगों का कन्फ्यूजन और बढ़ा दिया। यहां के बाशिंदों ने मान लिया कि अब शहरी इलाके में सात मार्च को होली मनेगी और आठ को अन्य हिस्सों में मनाया जाएगा।

दिग्भ्रम की स्थिति से पहले दिन फीकी रही होली

दिग्भ्रम की स्थिति ने ही सात तारीख वाली होली यानी विद्वानों वाली होली को फीका कर दिया। गिने-चुने हिस्सों में ही सात मार्च को होली मनाई गई। शहर की 70 फ़ीसदी होलिकाओं में आग भी नहीं लगाई गई। शहर के कई हिस्सों में पुलिस ने होलिका जलाने से लोगों को रोक दिया तो वहीं कुछ हिस्सों में पुलिस ने ही होलिका जलवाई।

इस कार्यशैली का भी असर काफी हद तक होली के उत्सव पर पड़ा। जिन 30 फीसदी होलिकाओं में आग लगाई गई, वहां सुबह से रंग का त्यौहार मनाया गया। शहर के चेतगंज, कालभैरव, मानमंदिर और चौकाघाट क्षेत्र की कुछ कॉलोनियों में रंगों का दौर दोपहर तक चला। वहीं दूसरी तरफ शहर के तमाम बाजार सामान्य दिनों की तरह खुले रहे। गोदौलिया, अस्सी,मैदागिन लहुराबीर, महमूरगंज तमाम इलाकों में दुकानों पर रोज की तरह खरीदारी का दौर चलता रहा।

बहुत सारे लोग पंचांग और ब्राह्मणों पर दोष मढ़ते दिखे

बनारस में होली दो दिन में विभक्त हो जाने का लेकर बहुत सारे लोग पंचांग और ब्राह्मणों पर दोष मढ़ते दिखे। इनके प्रतिउत्तर में भृगु संहिता विशेषज्ञ पं वेदमूर्ति शास्त्री ने कहा कि काशी के पंचांग को लेकर विद्वानों की संस्था रही हो या काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास, सभी ने काशी में सात मार्च को काशी में होली मनाने का निर्णय दिया था। जो मूल बनारसी हैं, उन्होंने उनके दिशानिर्देश का पालन किया और जो बाहरी लोग हैं वो काशी में रहते हुए अपनी मर्जी के अनुसार होली मना रहे हैं।

प्रशासन का संशोधित आदेश

प्रशासन ने मंगलवार को संशोधित आदेश जारी किया। इसके अनुसार जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने पूर्व में जारी आदेश को निरस्त करते हुए संशोधित आदेश जारी किया। इसके अनुसार होली के अवसर पर होलिका दहन के अगले दिन कानून-व्यवस्था एवं लोक शांति बनाये रखने के लिए वाराणसी की समस्त देशी शराब, विदेशी मदिरा, बीयर, भांग व ताड़ी की समस्त दुकानों को थानावार बंद रखने का आदेश दिया गया।

आदेशानुसार सात मार्च को वाराणसी कमिश्नरेट के पांच थाना क्षेत्रों – आदमपुर, जैतपुरा, चौक, दशाश्वमेध, कोतवाली यानी शहरी इलाके के केवल पांच थाना क्षेत्रों की दुकानों को सात मार्च को बंद रखने का आदेश जारी किया गया। इन्हें छोड़कर काशी जोन, वरुणा जोन व गोमती जोन की अन्य दुकानों को आठ मार्च को बंद रखने का आदेश दिया गया।

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