सिद्धारमैया की अगुआई में कर्नाटक सरकार ने केंद्र के खिलाफ जंतर मंतर पर किया प्रदर्शन
नई दिल्ली, 7 फरवरी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में कर्नाटक सरकार के कई मंत्रियों और प्रदेश कांग्रेस इकाई के कई नेताओं ने कर राजस्व वितरण में राज्य के साथ हुए ‘अन्याय’ को लेकर बुधवार को केंद्र के खिलाफ यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में उप मुख्यमंत्री और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार, राज्य के कई सांसद, मंत्री और विधायक शामिल हुए।
आज कर्नाटक के मुख्यमंत्री @siddaramaiah जी और उपमुख्यमंत्री @DKShivakumar जी के नेतृत्व में कर्नाटक के सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों ने केंद्रीय बजट में कर्नाटक के साथ हुए अन्याय के खिलाफ जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया।
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सिद्धारमैया की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार का आरोप है कि पिछले कुछ वर्षों में कर राजस्व में उसके प्रदेश के हिस्से की राशि के हस्तांतरण और सहायता अनुदान में कर्नाटक के साथ ‘अन्याय’ किया गया है। विरोध प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार 15वें वित्त आयोग के तहत कर्नाटक को कथित तौर पर हुए 1.87 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई करे।
सिद्धारमैया बोले – यह विरोध भाजपा नहीं बल्कि कर्नाटक के साथ भेदभाव के खिलाफ
सीएम सिद्धरमैया ने कहा कि यह विरोध भाजपा के खिलाफ नहीं बल्कि कर्नाटक के साथ भेदभाव के खिलाफ है। उन्होंने भाजपा के इस आरोप को खारिज किया कि इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य उत्तर-दक्षिण विभाजन को बढ़ावा देना है।
We are raising the issue of discrimination meted out by the Govt of India against the state of Karnataka and other southern states.
That is why I had written a letter to all the MPs of the BJP and JDS, asking them to participate in this agitation.
: Karnataka CM Shri… pic.twitter.com/S956SNKDgY
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सिद्धारमैया ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम भारत सरकार द्वारा कर्नाटक और अन्य दक्षिणी राज्यों के साथ किए गए भेदभाव का मुद्दा उठा रहे हैं। इसीलिए मैंने भाजपा और जनता दल (एस) के सभी सांसदों को पत्र लिखकर इस आंदोलन में भाग लेने के लिए कहा था।
कर्नाटक का राजस्व नुकसान रोकने के लिए पुराने फॉर्मूले पर लौटने की जरूरत
उन्होंने कहा, ’14वें वित्त आयोग के तहत राज्यों, खासकर कर्नाटक को कर राजस्व बांटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फॉर्मूले को 15वें वित्त आयोग ने बदल दिया था। राज्य का राजस्व नुकसान रोकने के लिए पुराने फॉर्मूले पर लौटने की जरूरत है। 14वें वित्त आयोग द्वारा इस्तेमाल किए गए फॉर्मूले को अपनाने के लिए हम नए वित्त आयोग को भी एक प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे।’
Karnataka is the second-largest state, contributing the highest revenue to the country.
We are asking for our rights; we are asking for our share.
The Karnataka govt had requested drought relief funds from the Centre, but not even a single rupee has been given.
We are the… pic.twitter.com/aYr4TA1Ie5
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हम कर्नाटक की आवाज हैं, हम न्याय की मांग करते हैं – डिप्टी सीएम शिवकुमार
वहीं डिप्टी सीएम शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में दूसरे स्थान पर है और देश के राजस्व में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। उन्होंने कहा, ‘हम अपना अधिकार मांग रहे हैं, अपना हिस्सा मांग रहे हैं। कर्नाटक सरकार ने केंद्र से सूखा राहत के लिए धन मांगा था, लेकिन एक रुपया भी नहीं दिया गया। हम कर्नाटक की आवाज हैं। हम न्याय की मांग करते हैं।’
केरल के सीएम विजयन अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ गुरुवार को करेंगे प्रदर्शन
इस बीच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता एवं केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ आठ फरवरी को दक्षिणी राज्य के प्रति केंद्र की कथित लापरवाही के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
ममता बनर्जी का शुक्रवार को कोलकाता में विरोध प्रदर्शन
वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कथित तौर पर उनके राज्य का बकाया, विशेष रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत रोके जाने के लिए केंद्र के खिलाफ शुक्रवार को कोलकाता में विरोध प्रदर्शन करेंगी।